उमरिया – जिले का विश्व विख्यात बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व लगातार सुर्खियों में बना हुआ है, कभी वन्यजीवों की मौत तो कभी वन्यजीवों के हमले से ग्रामीणों की मौत, कभी जंगल मे आग। वहीं टाइगर रिजर्व की सुरक्षा में लगे 800 कर्मचारी लगातार वर्षों से अपनी 16 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रबंधन को आवेदन देते रहे निवेदन करते रहे लेकिन पार्क प्रबंधन इन कर्मचारियों को हमेशा नजरअंदाज करता रहा जबकि प्रदेश सरकार और वन मुख्यालय भोपाल से इनकी सभी मांगों को वर्षों पहले मानते हुए आदेश जारी कर चुका है लेकिन बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन अपनी हठधर्मिता के चलते इनकी मांगों और मुख्यालय के आदेश को लगातार नजरअंदाज करता आ रहा है। ये सभी मैदानी कर्मचारी थक हार कर आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिए और 10 जून से जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठ कर अब आर पार की लड़ाई में जुट गए हैं। मध्यप्रदेश वन कर्मचारी संघ भोपाल शाखा उमरिया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जिला अध्यक्ष सुनील कुमार पनिका ने बताया कि हमारी 16 सूत्रीय मांगे इस प्रकार हैं —
1- साप्ताहिक अवकाशः- कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) मप्र मोपाल का पत्र क्र/प्रबंध/3787 दिनांक 04/06/2018 से वन कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश दिये जाने का आदेश किया गया था. किन्तु आज दिनांक तक साप्ताहिक अवकाश का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
2- बीट निरीक्षण में वसूलीः- वन कर्मचारी पूरे सप्ताह, दिन रात सभी मौसम में घर-परिवार से दूर रहकर पूर्ण निष्ठा से वन एवं वन्यप्राणियों की सूरक्षा करता है। किन्तु जॉचकर्ता अधिकारी द्वारा बीट निरीक्षण में कर्मचारी की लापरवाही नही पाये जाने का उल्लेख करने पर भी वसूली किया जा रहा है।
3- राष्ट्रीय वन शहीद दिवस का आयोजन हुये खर्चे का भुगतानः- राष्ट्रीय वन शहीद दिवस का आयोजन शासकीय स्तर पर नहीं मनाया जाता है। राष्ट्रीय वन शहीद दिवस का आयोजन म.प्र. वन कर्मचारी संघ शाखा- बाँधवगढ टाइगर रिजर्व-उमरिया (म.प्र.) द्वारा कराया गया, जिसका सम्पूर्ण व्यय संघ से किया गया। तात्कालीन अधिकारियों द्वारा खर्चे का भुगतान बाद में करा दिया जायेगा कहा गया था, किन्तू आज दिनांक तक नहीं किया गया।
4- पेट्रोल/मो०सा० की अनुमतिः- बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व-उमरिया (म.प्र.) में पदस्था कर्मचारियों पेट्रोल / मो०सा० की अनुमति नहीं दिया जा रहा है। जबकि कर्मचारियों से उनके निजी मो० सा० का उपयोग कराते हुये काम लिया जा रहा है।
5- निःशुल्क पार्क भ्रमण में बाँधवगढ टाइगर रिजर्व उमरिया (म.प्र.) में पदस्थ कर्मचारियों को प्राथमिकताः- बाँधवगढ टाइगर रिजर्व-उमरिया (म.प्र.) में पदस्थ कर्मचारियों पार्क भ्रमण में कोई निःशुल्क सुविधा नही दिया जाता है। जबकि शासकीय वाहनों को व्ही आई पी के नाम से अन्यों को निःशुल्क सुविधा दिया जाता है।
6- मूलभूत सुविधाः- बाँधवगढ टाइगर रिजर्व उमरिया (म.प्र.) में पदस्थ कर्मचारियों के पास मूलभूत सुविधा नहीं है। किन्तु बाँधवगढ़ प्रशासन द्वारा इस पर कोई ध्यान नही दिया जाता है।
7- लाईन क्वार्टरः- बॉधवगढ़ टाइगर रिजर्व-उमरिया (म.प्र.) में पदस्थ कर्मचारी वन क्षेत्रों में रहकर अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करता है। जहाँ पर वह अपने परिवार को नहीं रख सकता है। ऐसी स्थिति वह अपने परिवार को नजदीकी शहर / कस्बे में रखता है। जिससे उसे आर्थिक रूप से क्षति होता है। किन्तु बॉधवगढ प्रशासन द्वारा इस पर कोई ध्यान नही दिया जाता है।
8- लंबित वेतन/एरियर भुगतानः लंबित वेतन/ एरियर भुगतान का भुगतान हेतु कर्मचारियों को कई बार आवेदन करने पर बहुत बिलंब से दिया जाता है।
9- फार्म नं. 16 हर वर्ष दिया जाए:- फार्म नं. 16 हर वर्ष नही दिया जाता है।
10- गोपनीय प्रतिवेदन का गुमनाः- बॉधवगढ टाइगर रिजर्व-उमरिया (म.प्र.) में पदस्थ कर्मचारी / बाँधवगढ टाइगर रिजर्व-उमरिया (म.प्र.) से स्थानांतरित कर्मचारियों के गोपनीय प्रतिवेदन का गुमने से कर्मचारियों को पदोन्नति / समयमान वेतनमान नही मिल पा रहा है।
11- गुमशुदा कटौत्रेः- गुमशुदा कटौत्रे पर बाँधवगढ प्रशासन द्वारा इस पर कोई धन नही दिया जाता है।
12- सेवा पुस्तिका का द्वितीय प्रतिः- सेवा पुस्तिका का सत्यापित द्वितीय प्रति आज तक किसी कर्मचारियों को नहीं दिया गया।
13- पासबुक पुस्तिका का द्वितीय प्रतिः- वर्ष 2007 के पूर्व भर्ती हुये किसी कर्मचारियों को पासबुक पुस्तिका का द्वितीय प्रति आज तक नहीं दिया गया।
14- पी टी एलाउंस व राशन भत्ताः- पी.टी. एलाउंस व राशन भत्ता पूरे वर्ष का ना मिलता है।
15- सुरक्षा श्रमिकों को कुशल का वेतनः- सुरक्षा श्रमिकों को कुशल का वेतन दे हेतु छानबीन समिति की बैठक नही होने से सुरक्षा श्रमिकों को कुशल का वेतन नहीं मिल रहा है।16-सुरक्षा श्रमिकों की कमीः- बाँधवगढ टाइगर रिजर्व उमरिया (म.प्र.) में हिंस वन्यप्राणियों द्वारा जनघायल/जनहानि के घटनाओं में बढोत्तरी हो रहा है। जिस बॉधवगढ टाइगर रिजर्व उमरिया (म.प्र.) में पदस्थ कर्मचारी भी घायल हुये है।
किन बाँधवगढ प्रशासन द्वारा सुरक्षा श्रमिकों की कमी को दूर करने पर कोई ध्यान नंही दिन जा रहा है।यदि अभी भी हमारी मांगो को नही माना जा रहा है तो आगे हम उग्र कदम उठाएंगे जिसका जिम्मेदार पार्क प्रबंधन होगा।गौरतलब है कि इन कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से इस मानसून सत्र में अवैध शिकार, अवैध, उत्खनन, अवैध जंगल कटाई आदि अपराध में बेतहाशा वृद्धि हो सकती है। ऐसे में आवश्यकता है कि वन विभाग के उच्च अधिकारी मामले को संज्ञान में लेकर इनकी मांगों को पूरा करें और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करें ताकि इन छोटे और मैदानी कर्मचारियों को सारी सुविधाएं मिल सकें जो शासन ने इनको स्वीकृत किया है।