रीवा (मप्र): मध्य प्रदेश के रीवा की एक अदालत ने 2006 के गोविंदगढ़ बस हादसे के सिलसिले में सभी तीन आरोपियों को ‘संदेह का लाभ’ देते हुए बरी कर दिया है। इस दर्दनाक हादसे में 60 लोगों की मौत हो गई थी।यह घटना 19 अक्टूबर 2006 को हुई थी, जब एमकेए 3163 पंजीकरण संख्या वाली बस जिग्ना से रीवा जाते समय गोविंदगढ़ तालाब में गिर गई थी। मरने वालों में बस का चालक भी शामिल था।
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पन्ना नागेश ने शुक्रवार को बस के मालिक अजय प्रताप सिंह (52), रमेश तिवारी (42) और श्रीनिवास तिवारी (60) को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष के सबूतों से यह साबित नहीं किया जा सका कि दुर्घटना के समय बस को लापरवाही से चलाया जा रहा था।
साथ ही, चूंकि बस के चालक की भी दुर्घटना में मौत हो गई थी, इसलिए यह नहीं पाया गया कि दुर्घटना के दिन बिना पंजीकरण के बस चलाने में आरोपियों की कोई भूमिका थी।
आरोपियों के वकील राजीव सिंह शेरा ने बताया कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा कि बस के पास वैध फिटनेस और परमिट दस्तावेज थे या नहीं। इसी के परिणामस्वरूप, अदालत ने बस के मालिक और परिचालकों को बरी कर दिया।