मुंबई: अनुभवी अभिनेता और पूर्व सांसद परेश रावल अपनी आगामी फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ को लेकर सोशल मीडिया पर मचे विवाद के बाद चर्चा में हैं। फिल्म के विषय को लेकर हुई अटकलों के बाद, अभिनेता ने सामने आकर सफाई दी है और स्पष्ट किया है कि उनकी यह फिल्म किसी भी धार्मिक मुद्दे से संबंधित नहीं है।
विवाद की शुरुआतयह विवाद तब शुरू हुआ जब परेश रावल ने अपनी फिल्म का पोस्टर सोशल मीडिया पर साझा किया। पोस्टर के साथ उन्होंने एक चुनौतीपूर्ण कैप्शन लिखा, जिसने तुरंत सोशल मीडिया यूजर्स का ध्यान आकर्षित किया।
उन्होंने लिखा था:”क्या होगा अगर आपको जो कुछ सिखाया गया है, वह सब झूठ हो? सच्चाई केवल छिपाई नहीं जाती, उसका आकलन किया जा रहा है।”इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। कई यूजर्स ने यह मान लिया कि फिल्म का उद्देश्य इतिहास या किसी धर्म विशेष से जुड़े तथ्यों पर सवाल उठाना है, जिसके कारण तीव्र प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं।
परेश रावल की सफाई
विवाद को बढ़ता देख, परेश रावल ने स्पष्ट किया कि उनकी फिल्म का उद्देश्य किसी भी प्रकार का धार्मिक या सांप्रदायिक विवाद पैदा करना नहीं है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म केवल ऐतिहासिक तथ्यों और अलग-अलग दृष्टिकोणों पर आधारित है, और इसका कोई धार्मिक एजेंडा नहीं है। उनकी यह सफाई विवाद को शांत करने की दिशा में एक प्रयास है, लेकिन फिल्म के रिलीज होने तक इस पर चर्चा जारी रहने की संभावना है।