सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्रतों में से एक, करवा चौथ का व्रत इस साल 10 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन अक्सर विवाहित महिलाओं के मन में यह सवाल आता है कि यदि व्रत के दिन पीरियड्स (मासिक धर्म) आ जाए, तो उन्हें क्या करना चाहिए और व्रत कैसे पूरा करना चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार, इस संबंध में क्या नियम हैं, आइए जानते हैं:
व्रत रखने पर कोई रोक नहींव्रत का संकल्प: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि करवा चौथ के दिन पीरियड्स आ जाएं, तो भी महिलाएं करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं। व्रत रखने पर किसी प्रकार की कोई रोक नहीं है।
उद्देश्य की पूर्ति: पीरियड्स की अवस्था में भी व्रत का संकल्प, यानी पति की लंबी उम्र के लिए उपवास करना, पूरी तरह मान्य होता है।पूजा और अर्घ्य से संबंधित नियम
पीरियड्स के दौरान व्रत रखने के बावजूद कुछ धार्मिक कार्यों से परहेज करना चाहिए:करवा माता की पूजा: शास्त्रों और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक धर्म के दौरान करवा माता की पूजा करने से परहेज करना चाहिए। इस अवस्था में पूजा करना निषेध माना गया है।
कथा सुनना: यदि परिवार की कोई अन्य महिला पूजा कर रही है, तो आप उससे करवा चौथ की कथा सुन सकती हैं। कथा सुनने में कोई दोष नहीं है।चंद्रमा को देखना और व्रत खोलना: पीरियड्स में भी आप छलनी से चंद्रमा को देख सकती हैं और सामान्य तरीके से अपना व्रत खोल सकती हैं।
अर्घ्य देना: सबसे महत्वपूर्ण नियम यह है कि इस अवस्था में चंद्रमा को अर्घ्य (जल चढ़ाने) देने से बचना चाहिए।संक्षेप में, पीरियड्स के दौरान महिलाएँ व्रत रख सकती हैं और अपना उपवास पूर्ण कर सकती हैं, लेकिन उन्हें पूजा और अर्घ्य जैसे सीधे धार्मिक अनुष्ठानों से दूर रहना चाहिए।