राजगढ़ जिले के कोटा मे जेईई की कोचिग कर रहे होस्टल में रहने वाले रचित सौंधिया नामक छात्र ने कोटा में गाड़िया महादेव की ऊंची पहाड़ी से कूद कर मौत को गले लगा लिया। आठ दिन से लापता रचित का शव कल शाम पहाड़ी के बीच दो पेड़ो के बीच अटका मिला। रचित के परिजन फोन नही लगने से परेशान होवर कोटा में ही रुके व पुलिस व प्रशासन की से रचित को तलशाने में लगे पर सात दिन बाद आठवें दिन उसकी लाश मिली। सूत्री के मुताबिक रचित के मोबाइल डाटा व कमरे से मिले तीन पन्ने के नोट में 11 फरवरी को 11 बजकर 33 मिनिट पर प्लेइंग बोर्ड गेम, 11 बजकर 35 मिनिट पर कागज पर लिखा टास्क पूरा करने जा रहा हू में मरने को तैयार हू, 11.38 बजे हाथ में गहरे घाव वाले फोटो मोबाइल में अपलोड, 11.38 पर ही दीवार पर लिखा बाय टेक केयर,11.40 पर खून से सने हाथ के पंजे के निशान दीवार पर, 12.27 पर गडरिया महादेव जाने का उल्लेख, पुलिस को आखिरी लोकेशन भी गडरिया महादेव की मिली थी, व इंट्री होते भी सीसी टीवी फुटेज में दिखा था उसके बाद उसका पुलिस द्वारा पहाड़ी पर रस्सी, चप्पल मोबाइल आदि रचित का सामान बरामद किया था पर काफी तलाश के बाद भी रचित का पता नही चल पाया था। परिजन सहित करीब चालीस से पचास लोग रचित की तलाश में वही डेरा डाले थे। कल बदबू आने पर रचित के पहाड़ी से मिले सामान से डेढ किलोमीटर दूरी पर काफी तलाश के बाद बीच पहाड़ी पर पेड़ की टहनीयो में फसा रचित का शव मिला जिसे बमुश्किल निकाला गया। माना जा रहा है कि गेम का आखिरी टास्क पूरा करने ही रचित ने पहाड़ी से छलांग लगाई थी जो टहनियो मे अटक गया व अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। पुलिस व स्कूल संचालकों का मानना हे कि आजकल छोटे छोटे बच्चो को अभिभावक मोबाइल थमा देते है यह भी नहीं देखते कि बच्चा क्या मोबाइल में देख रहा है कौन सा गेम खेल रहा है । ज्यादातर अभिभावक बच्चों को उनकी रुचि अनुसार काम नहीं कर महंगी मंहगी कोचिग करवाकर बड़ा अफसर बनाने की लालसा रखते है बच्चे की रुचि दूसरी और रहती है व मानसिक तनाव में भी ऐसा कदम उठा लेते है।
ऑनलाइन गेम से बच्चो को दूर रखे, ताकि बच्चे टास्क गेम से रहे दूर , जेईई के छात्र की कोटा में गाड़िया महादेव की ऊंची पहाड़ी से कूदने मौत।
