Saturday, April 20, 2024
HomeNationAfter the death of migrant laborers, now the government does not even...

After the death of migrant laborers, now the government does not even have the statistics of farmer suicides – प्रवासी मजदूरों की मौत के बाद, अब सरकार के पास किसानों की आत्महत्या के आंकड़े भी नहीं

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का जिक्र करते हुए सदन को सूचित किया कि कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने विभिन्न प्रकार से पुष्टि किये जाने के बाद किसानों, उत्पादकों एवं खेतिहर मजदूरों द्वारा आत्महत्या का ‘शून्य’ आंकड़ा होने की बात कही है जबकि अन्य पेशों में कार्यरत लोगों द्वारा आत्महत्या की घटनाओं की सूचना मिली है.

यह भी पढ़ें- कोरोनावायरस-लॉकडाउन के दौरान एक करोड़ प्रवासी कामगार अपने राज्य वापस लौटे : केंद्र सरकार

उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि इस कमी के कारण, कृषि क्षेत्र में आत्महत्या के कारणों के बारे में कोई राष्ट्रीय आंकड़ा पुष्ट नहीं है और इसे अलग से प्रकाशित नहीं किया गया.”

आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्याओं के नवीनतम राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 में 10,281 किसानों ने किसानों ने आत्महत्या की जबकि वर्ष 2018 में अपनी जान देने वाले किसानों की संख्या 10,357 थी.  एनसीआरबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कुल आत्महत्याओं में किसानों की आत्महत्या की दर 7.4 प्रतिशत है – 5,957 किसान और 4,324 खेतिहर मजदूर.

यह भी पढ़ें-सरकार का संसद में दूसरा ‘अजीब’ जवाब, ”फर्जी खबरें’ फैलने के कारण बड़ी संख्‍या में प्रवासी श्रमिकों ने किया पलायन

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते, श्रम मंत्रालय ने कहा था कि कोरोनोवायरस लॉकडाउन के दौरान घर पहुंचने की कोशिश के दौरान जान गंवाने वाले प्रवासियों के बारे में उसके पास कोई डेटा नहीं है. जिसके बाद उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था. मंत्रालय ने कहा कि मजदूरों के परिवारों को मुआवजा देने का “सवाल ही नहीं उठता” क्योंकि कोई डेटा नहीं था. सरकार ने आलोचना के बाद स्पष्ट किया कि जिलों में इस तरह के आंकड़े एकत्र करने के लिए “कोई तंत्र” नहीं था. (इनपुट एजेंसी भाषा से भी)

(आत्‍महत्‍या किसी समस्‍या का समाधान नहीं है. अगर आपको सहारे की जरूरत है या आप किसी ऐसे शख्‍स को जानते हैं जिसे मदद की दरकार है तो कृपया अपने नजदीकी मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ के पास जाएं.)

हेल्‍पलाइन नंबर:

AASRA: 91-22-27546669 (24 घंटे उपलब्ध)

स्‍नेहा फाउंडेशन: 91-44-24640050 (24 घंटे उपलब्ध)

वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्‍थ: 1860-2662-345 और 1800-2333-330 (24 घंटे उपलब्ध)

iCall: 022-25521111 (सोमवार से शनिवार तक उपलब्‍ध: सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक)

एनजीओ: 18002094353 दोपहर 12 बजे से रात 8 बजे तक उपलब्‍ध)

लोकसभा में उठा पलायन का मुद्दा, सरकार ने कहा- मौत का डाटा नहीं


Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS