गुजरात के अहमदाबाद से गुरुवार दोपहर एक बड़े विमान हादसे की खबर सामने आई है। एयर इंडिया का एक बोइंग 787 (B787) विमान टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बताया गया कि यह विमान अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रहा था और उड़ान भरने के करीब 5 मिनट बाद ही यह हादसा हो गया।नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अनुसार, विमान ने उड़ान भरते ही एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को ‘मेडे कॉल’ दी थी।
हालांकि, इस ‘मेडे कॉल’ के बाद एटीसी की ओर से किए गए किसी भी संपर्क का विमान से कोई जवाब नहीं मिला। इस घटना ने एक बार फिर ‘मेडे कॉल’ के महत्व पर सवाल खड़ा कर दिया है।क्या होती है ‘मेडे कॉल’ और इसका इस्तेमाल कब होता है?’मेडे कॉल’ (Mayday) एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त आपातकालीन संकेत है, जिसका उपयोग विमान या समुद्री जहाज तब करते हैं जब वे किसी गंभीर संकट या तत्काल खतरे में होते हैं। यह शब्द फ्रेंच के “m’aider” से लिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ “मेरी मदद करो” होता है।इस आपातकालीन कॉल का उपयोग तब किया जाता है जब विमान को किसी बड़े खतरे का सामना करना पड़ रहा हो, जैसे: * इंजन फेल होना: जब विमान का कोई या सभी इंजन काम करना बंद कर दें।
बेहद खराब मौसम: तूफान, अत्यधिक अशांति, या अन्य गंभीर मौसम संबंधी चुनौतियां। * सिस्टम फेल होना: विमान के महत्वपूर्ण नियंत्रण या नेविगेशन सिस्टम का काम करना बंद कर देना।
मेडिकल इमरजेंसी: विमान में किसी यात्री या चालक दल के सदस्य की गंभीर चिकित्सीय स्थिति। विमान पर नियंत्रण न रह जाना: जब पायलट विमान पर अपना नियंत्रण खो दें।ऐसे गंभीर हालात में, पायलट रेडियो पर तीन बार “Mayday, Mayday, Mayday” बोलकर ATC या आसपास के अन्य विमानों को सचेत करता है कि वे गंभीर संकट में हैं और उन्हें तुरंत मदद की आवश्यकता है। यह कॉल कंट्रोल रूम को तत्काल कार्रवाई करने के लिए सतर्क करती है ताकि जान-माल के नुकसान को रोका जा सके।सरल शब्दों में कहें तो, ‘मेडे’ किसी भी उड़ान की सबसे गंभीर चेतावनी होती है और इसका उपयोग केवल अत्यंत आपातकालीन परिस्थितियों में ही किया जाता है। फिलहाल, अहमदाबाद में हुए इस हादसे के कारणों की जांच जारी है।