- आरिफ मोहम्मद खान बोले- बिना राज्यपाल को बताए SC जाना गैरकानूनी
- संविधान और देश के कानून के मुताबिक सरकार को करना चाहिए काम
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बीच विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ केरल विधानसभा से प्रस्ताव पारित करने के बाद अब पिनराई विजयन सरकार ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. साथ ही इसकी जानकारी केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को नहीं दी.
केरल सरकार का यह कदम राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को नागवार गुजरा है. इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को आड़े हाथों लिया है. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि सरकार के कामकाज को किसी व्यक्ति या राजनीतिक दल की मर्जी के मुताबिक नहीं चलाया जा सकता है. हर किसी को नियम का पालना करना चाहिए.
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि इस लड़ाई को निजी लड़ाई के तौर पर न पेश किया जाए. मैं अहम नहीं हूं, बल्कि संविधान और देश का कानून अहम है. मेरी चिंता सिर्फ इतनी है कि संविधान और कानून का अनिवार्य रूप से पालन किया जाए. सरकार का कामकाज कानून के मुताबिक होना चाहिए.
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 166 (3) के तहत सरकार के कामकाज के लिए नियम बनाए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट भी अपने कई फैसलों में साफ कह चुका है कि ये नियम सिर्फ निर्देश नहीं हैं, बल्कि ये आवश्यक हैं. खान ने कहा कि राज्य सरकार राज्यपाल को बिना बताए सुप्रीम कोर्ट नहीं जा सकती है. यह गैर कानूनी है. लिहाजा मैं इस मसले पर मूकदर्शक बना नहीं बैठा रह सकता हूं.