कांग्रेस संगठन में बदलाव की बयार बहने लगी है। अब जिला व शहर कांग्रेस कमेटी में प्रमुख पदाधिकारियों के बदले जाने की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। इसे लेकर मंथन भी शुरू होने की खबर आ रही है। अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल लोग लॉबिंग में भी जुट गए हैं।
विधानसभा चुनाव में पिछड़ने के बाद लोकसभा चुनाव में मिली पराजय से ही संगठन में बदलाव की बयार बह रही थी लेकिन फिर उस पर अचानक विराम लग गया। पर अंदरखाने से आ रही जानकारी के मुताबिक अब परिवर्तन पर मंथन शुरू हो चुका है। उसकी नींव नगर निगम चुनाव के पहले ही पड़ गई थी जब संगठन ने जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी और शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर के पार्षद चुनाव लड़ने की वजह से गुलाब सिंह राज को कार्यवाहक जिलाध्यक्ष तो प्रमोद नायक को कार्यवाहक शहर अध्यक्ष बनाया था। हालांकि तब इसे अस्थाई व्यवस्था बताई गई थी लेकिन यह व्यवस्था अभी खत्म नहीं हुई है। प्रमोद नायक कार्यवाहक शहर अध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे हैं जबकि शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर कांग्रेस भवन में ध्वजारोहण करते हैं। हालांकि उन्हें पार्षद चुनाव में हार मिली लेकिन संगठन में उनकी स्थिति बहुत स्पष्ट नहीं है। इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इधर कार्यवाहक शहर अध्यक्ष बनने से प्रमोद नायक का कद पिछले कुछ माह में बढ़ा है। फिर चाहे वह मेयर प्रत्याशी चयन को लेकर की गई व्यवस्था हो या फिर जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव, दोनों ही बार इन्हें ज्यादा तवज्जो दी गई। वहीं विजय केशरवानी को पार्षद चुनाव जीतने के बाद एमआईसी मेंबर की जिम्मेदारी दे दी गई है। निगम के एमआईसी मेंबर केशरवानी संगठन में ग्रामीण जिलाध्यक्ष के पद पर तो अभी हैं लेकिन निगम में भी जिम्मेदारी मिलने की वजह से अब पहले जैसी स्थिति नहीं है। हालांकि गुलाब सिंह राज की सक्रियता पहले की तुलना में कम होने की चर्चा है। इसका फायदा केशरवानी को मिल सकता है।
नई शहर अध्यक्ष महिला भी हो सकती है
यह भी चर्चा है कि शहर अध्यक्ष कोई नेत्री हो सकती है। इस पर भी विचार किया जा रहा है। इसे लेकर संगठन के लोगों में नाराजगी भी है। लोग आपस में बात कर रहे हैं कि जब महिला कमेटी है तो फिर शहर कमेटी में किसी महिला को जिम्मेदारी देना ठीक नहीं है। हालांकि संगठन ठान ले तो कांग्रेस नेत्री को जिम्मेदारी मिल सकती है।
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