Friday, June 27, 2025
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Chhattisgarh News In Hindi : Where they did not tap, they were also hit with water, same flat in an apartment but property tax separate, yet threatened to pay 5 times fine | जहां नल नहीं उन पर भी लगा जल कर, एक अपार्टमेंट में एक जैसे फ्लैट लेकिन संपत्ति कर अलग, फिर भी 5 गुना जुर्माने की धमकी

  • राजधानी रायपुर के 2.65 लाख मकानों में 40 हजार से ज्यादा को मिले डिमांड नोट में 2 से 4 गुना टैक्स
  • जिनके घर 25 हजार रुपए टैक्स आ रहा था, उन्हें इस बार 1 से सवा लाख रुपए तक का डिमांड नोट भेज दिया गया

Dainik Bhaskar

Mar 06, 2020, 09:07 AM IST

रायपुर  ( ठाकुरराम यादव ).  राजधानी रायपुर में इस साल संपत्ति कर से राहत की उम्मीद थी, लेकिन नगर निगम ने पिछले टैक्स के मुकाबले 2 से 4 गुना तक के डिमांड नोट भेजकर पूरे शहर की नींद उड़ा दी है। भास्कर की पड़ताल के मुताबिक शहर में 40 हजार से ज्यादा मकानों में भेजे गए प्रापर्टी टैक्स में गंभीर गड़बड़ियां की गई हैं। जिनके घर 25 हजार रुपए टैक्स अा रहा था, उन्हें इस बार 1 से सवा लाख रुपए तक का डिमांड नोट भेज दिया गया है। जिनके यहां नगर निगम की वाटर सप्लाई लाइन नहीं गई, वहां टैक्स के साथ जलकर भी जोड़ दिया गया है। 

8 जोन दफ्तरों में सैकड़ों लोग भटक रहे हैं
निगम लोगों से विशेष जल कर के रूप में आवासीय में 2400 रुपए और व्यवसायिक में 4600 रुपए सालाना लेता है। इसके अलावा सामान्य जल कर के रूप में नॉमिनल राशि भी सभी से वसूलता है। सर्वे में गड़बड़ी यह की गई कि जिनके यहां नल कनेक्शन ही नहीं है, उनसे विशेष जलकर भी मांग लिया। सभी 8 जोन दफ्तरों में सैकड़ों लोग भटक रहे हैं, लेकिन संपत्ति कर में सुधार के बजाय चेतावनी मिल रही है कि टैक्स नहीं भरा तो 5 गुना जुर्माना लगेगा। भास्कर टीम ने ऐसे सैकड़ों डिमांड नोट का अध्ययन किया है, जिनमें बड़ी खामियां हैं। जैसे, वीआईपी एस्टेट मोवा में इपिंदर सिंह चावला के मकान का बिल्टअप एरिया 6850 वर्गफीट है। निगम के राजस्व अफसरों की गणना के आधार पर इसका टैक्स 9298 रुपए होता है।

एक ही आकार के कंस्ट्रक्शन एरिया में टैक्स अलग-अलग

सर्वे के बाद निगम के आनलाइन रिकार्ड में टैक्स बढ़कर 33350 रुपए हो गया। बड़े भवनों और कांप्लेक्स के अलावा छोटे घरों और मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के फ्लैट्स के टैक्स भी ढेरों विसंगतियां हैं। डीडी नगर वार्ड के गोल चौक में एक ही आकार के कंस्ट्रक्शन एरिया में टैक्स अलग-अलग है। जैसे ज्योति सोनी और दीनबंधु पाल के मकानों का कवर्ड एरिया 1700-1700 वर्गफीट है। लेकिन ज्योति का टैक्स 4929 और दीनबंधु का टैक्स 7019 रुपए बना है। इसी एरिया के इसके ठीक उलट, डंगनिया में 600 वर्गफीट के कंस्ट्रक्शन एरिया वाले मकान के मालिक हीरालाल बजाज का टैक्स 4035 रुपए भेज दिया गया है। ऐसा ही दिलचल्प मामला डीडीनगर में पत्रकार विहार का है। यहां स्व. केसी कर का 1450 वर्गफीट का मकान है। आनलाइन रिकार्ड में कुल कवर्ड एरिया 350 वर्गफीट बताया गया और उसी आधार पर 3604 रुपए का टैक्स डिमांड नोट जारी किया गया है। यह गलती सुधारने के लिए परिवार वाले अब निगम के चक्कर लगा रहे हैं।

गड़बड़ जीआईएस सर्वे के कारण 2 साल तक वसूली रोकी गई थी, फिर उसी आधार पर नोटिसें 

  • विधानसभा रोड बीएसएनएल दफ्तर के पास मुकेश अग्रवाल के कांप्लेक्स में फ्लैट और दुकानें हैं। पिछले साल टैक्स 6.10 लाख रुपए अाया था। इस साल 24.48 लाख रुपए का डिमांड नोट भेजा गया है।
  • बैरनबाजार में एसबीआई जोनल कार्यालय का प्रापर्टी टैक्स 6 लाख से बढ़कर 16 लाख रुपए हो गया। बैंक परिसर 15 साल पुराना है और शुरू से टैक्स 6 लाख ही था। इस बार तीन गुना बढ़ा दिया गया। 
  • फाफाडीह में करमसी भाई का प्रापर्टी टैक्स 86 हजार रुपए था, जिसे घटाकर 36 हजार रु. कर दिया। संजय सचदेव से 61 हजार रु. लिए जा रहे थे, लेकिन इस बार 30 हजार का डिमांड नोट आया है।

टैक्स नहीं दिया और नाप हुआ तो लगाया जाएगा भारी जुर्माना

तीन साल पहले दिल्ली की एक कंपनी को रायपुर के मकानों, भवनों और कांप्लेक्स की नापजोख कर नए सिरे से टैक्स की गणना करने का काम सौंपा गया। इस कंपनी के सर्वे में हुई खामियों ने ऐसी गड़बड़ी फैलाई है कि प्रापर्टी टैक्स चार-पांच गुना बढ़ गया। पिछले साल निगम ने सर्वे की खामियों को स्वीकार कर सर्कुलर जारी किया था कि लोग पुरानी रसीद से टैक्स पटा सकते हैं। लेकिन इस बार फिर उसी जीअाईएस सर्वे के अाधार पर इस साल भी डिमांड नोट जारी कर दिए गए। लोग ऐसा डिमांड नोट लेकर निगम दफ्तर पहुंच रहे हैं तो उन्हें कहा जा रहा है कि पहले टैक्स जमा करना होगा। 31 मार्च के बाद जब राजस्व अफसर टैक्स वसूली से फ्री होंगे तो उनकी प्रापर्टी की फिर से नापजोख की जाएगी। टैक्स में अंतर आया तो उसे अगले वर्षों में समायोजित करने का आश्वासन दिया जा रहा है। लेकिन सही मिला तो 5 गुना जुर्माना लगा दिया जाएगा। 

टैक्स के साथ नाम-पते भी गड़बड़, गणना में भी चूक

दिल्ली की कंपनी कसोर्टियम ने प्रापर्टी की नापजोख से लेकर टैक्स की गणना में ढेरों गलतियां की हैं। कुल जमीन में कंस्ट्रक्शन एरिया, फ्लोर इत्यादि के आधार पर टोटल बिल्टअप एरिया निकालने के बाद प्रचलित वार्षिक भाड़ा मूल्य से टैक्स की गणना की जानी थी। कंपनी के सर्वेयरों ने कई जगह बिल्टअप एरिया की गणना में ही चूक कर दी, जिससे टैक्स की गणना गलत हो गई। मकानमालिक का नाम, साइज, फ्लोर, टैक्स, वार्ड के नाम, एड्रेस इत्यादि जानकारी निगम की वेबसाइट में अपलोड की गई। गलत नापजोख और बढ़े टैक्स ने तो लोगों को हैरान किया ही है, सैकड़ों घरों में पहुंची निगम की रसीदों में दर्ज नाम-पते में भी ढेरों गलतियां हैं।

कमिश्नर समेत अफसरों के बयान जिससे परेशान है शहर
सर्वे रिपोर्ट में जो टैक्स आ रहा है, अगर उससे सहमत नहीं हैं तो स्वनिर्धारिणी भरकर टैक्स जमा करा सकते हैं। लेकिन बाद में मकान की नापजोख हुई और टैक्स में 10 प्रतिशत से ज्यादा अंतर आया तो सीधे पांच गुना जुर्माना लगाया जाएगा। इसलिए लोगों से कहा जा रहा है कि वे अब टैक्स जमा कर दें। बाद में नापजोख कर यदि टैक्स कम हुआ तो दिया गया अतिरिक्त पैसा बाद के वर्षों के टैक्स में समायोजित किया जाएगा।  -सौरभ कुमार, कमिश्नर रायपुर निगम


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