लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक में पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) से विस्थापित होकर राज्य के विभिन्न जिलों में बसे परिवारों को कानूनी भूमि स्वामित्व अधिकार प्रदान करने के लिए ठोस कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ भूमि हस्तांतरण का मामला नहीं है, बल्कि देश की सीमाओं से भारत में शरण लेने वाले और दशकों से पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे हजारों परिवारों के जीवन संघर्ष को सम्मान देने का अवसर है। उन्होंने अधिकारियों को इन परिवारों के साथ संवेदनशीलता और उचित सम्मान के साथ व्यवहार करने को कहा, इसे सरकार की नैतिक जिम्मेदारी बताया।
योगी आदित्यनाथ ने यह भी निर्देश दिए कि जिन मामलों में पहले सरकारी अनुदान अधिनियम के तहत भूमि आवंटित की गई थी, उनमें वर्तमान कानूनी ढांचे के तहत नए विकल्प तलाशे जाएं, क्योंकि यह अधिनियम 2018 में निरस्त हो चुका है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह संवेदनशील प्रयास दशकों से उपेक्षित विस्थापित परिवारों के लिए एक नई आशा और सम्मानजनक जीवन का द्वार खोल सकता है।