Wednesday, July 16, 2025
HomeThe WorldChina engaged in making Corona virus medicine, clinical trial reached second stage...

China engaged in making Corona virus medicine, clinical trial reached second stage | कोरोना वायरस की दवा बनाने में जुटा चीन, दूसरी स्टेज में पहुंचा क्लीनिकल ट्रायल

बीजिंग: मिलिट्री से जुड़ी एक चीनी रिसर्च फर्म, कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के खिलाफ क्लीनिकल ट्रायल करने के दूसरे चरण में प्रवेश करने वाली पहली संस्था बन गई है. इस वायरस ने अब तक दुनिया में 120,000 लोगों को मौत की नींद सुला दिया है. 

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, चीन ने मंगलवार को क्लीनिकल ट्रायल के लिए कोविड-19 वैकसीन सबमिशन को मंजूरी दे दी है.पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैन्य विज्ञान अकादमी के तहत सैन्य चिकित्सा संस्थान के मेजर जनरल चेन वेई के नेतृत्व में एक शोध दल द्वारा विकसित की गई एडेनोवायरस वेक्टर वैक्सीन को पहली बार क्लीनिकल ट्रायल में प्रवेश करने की मंजूरी दी गई थी.

क्‍लीनिकल ट्रायल देने वाला पहला स्‍वयंसेवी वुहान का क्लीनिकल ट्रायल का पहला चरण मार्च के अंत में पूरा हुआ था और दूसरा चरण 12 अप्रैल को शुरू हुआ था. सिन्हुआ ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के हवाले से रिपोर्ट दी है कि यह दुनिया का पहला कोविड-19 वैकसीन है जिसने क्‍लीनिकल ट्रायल के दूसरे चरण में प्रवेश किया है.

ये भी पढ़ें- बड़ी मदद! कोरोना से जंग में रूसी कंपनी ने PM CARES में दान किये 2 मिलियन डॉलर

चीन की एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेज के इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी द्वारा विकसित इस वैकसीन का रविवार को  500 स्वयंसेवी प्रतिभागियों के साथ दूसरा क्लीनिकल ट्रायल शुरु हुआ. इसमें सबसे बड़ा स्वयंसेवक 84 वर्षीय वुहान निवासी जिओंग झेंगंग है, जिसका सोमवार सुबह टीकाकरण पूरा हुआ.

जेनेटिक इंजीनियरिंग विधियों से विकसित हुआ है वैकसीन 

सोमवार को चीन के चाइना डेली मीडिया ने रिपोर्ट किया कि इस वैकसीन को जेनेटिक इंजीनियरिंग विधियों द्वारा विकसित किया गया है और इसका उपयोग नए कोरोना वायरस संक्रमण के कारण होने वाली बीमारियों को रोकने के लिए किया जाता है.

वैकसीन के क्लीनिकल ट्रायल का पहला चरण इसकी सुरक्षा पर केंद्रित रहा, जबकि दूसरे चरण में इसके असर पर अधिक जोर दिया गया. पहले चरण की तुलना में दूसरे चरण में अधिक प्रतिभागियों को शामिल किया गया. 
वैकसीन के लिए स्वयंसेवकों की भर्ती गुरुवार से शुरू हुई थी.

मध्य चीनी शहर वुहान में COVID-19 के प्रकोप के बाद कई अन्य चीनी संस्थान भी इस घातक बीमारी के लिए टीके विकसित करने में जुटे हुए हैं. चीन ने इस टीके को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया को आगे  बढ़ाने के लिए तमाम इंतजाम शुरु कर दिए हैं.

सोमवार को डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेरोस एडहोम घेब्येयियस ने जिनेवा से एक वर्चुअल ब्रीफिंग में कहा, “हमारी वैश्विक कनेक्टिविटी का मतलब है कि कोविड -19 के फिर से लौटने और वि‍कसित होने का जोखिम. लिहाजा इस ट्रांसमिशन को पूरी तरह बाधित करने के लिए हमें एक सुरक्षित और प्रभावी टीके का विकास और वितरण करना होगा.” 

इस वैक्सीन को विकसित करने की वैश्विक दौड़ लगी हुई है. ऑस्ट्रेलिया और यूके की फर्मों के अलावा भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक लैब भी इस टीके को विकसित कर रहे हैं. मौजूदा समय में इस घातक बीमारी के लिए कोई प्रभावी दवाएं नहीं हैं. हालांकि, कई दवाओं के क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं. 

ये भी देखें- 

वैज्ञानिकों का कहना है कि चीन में इस वैकसीन को बनाने को लेकर एक शुरुआत हो सकती है, क्योंकि पिछले साल दिसंबर में वुहान शहर में इस वायरस का प्रकोप सामने आने के बाद इसने जीनोम अनुक्रम की मेपिंग की थी. बाद में चीन ने डब्ल्यूएचओ, अमेरिका और अन्य देशों के साथ इस जीनोम अनुक्रम को साझा किया, जिसके बाद इस वैकसीन को विकसित करने की दौड़ शुरु हो गई.

गौरतलब है कि इस खतरनाक वायरस ने दुनिया के 120,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है और 195 देशों के  1,929,000 लोगों को संक्रमित किया है.




Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS

casino online slot depo 10k bonus new member slot bet 100 slot jepang
slot depo 10k slot gacor slot depo 10k slot bet 100