- 23 हजार करोड़ से 3 लाख 14 हजार करोड़ कर दिया मध्य प्रदेश का बजट : Shivraj Singh Chauhan
- 2003-04 में अन्न का उत्पादन 159 लाख मीट्रिक टन था, अब बढ़कर 619 लाख मीट्रिक टन हो गया
- 925 चिकित्सा अधिकारियों को भी दिया गया नियुक्ति पत्र
- डॉक्टर्स मरीजों पर स्नेह और प्रेम की वर्षा करें, ताकि वे जल्दी ठीक हो जाएं
- प्राणियों में सद्भावना हो और विश्व का कल्याण हो, भारत की बड़ी सोच है और यही सनातन सोच है
भोपाल। वर्ष 2003-04 में मध्य प्रदेश का बजट केवल 23 हजार करोड़ रुपये ही था। इसे हमारी भाजपा सरकार ने 2012 में 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा दिया। वर्ष 2020-21 में 2 हजार करोड़ हमने क्रॉस किया और इस साल 3 लाख 14 हजार करोड़ रुपये का बजट हमने दिया। मध्य प्रदेश की प्रगति और विकास का आधार खेती है। प्रदेश में 2003-04 में अन्न का जो उत्पादन 159 लाख मीट्रिक टन था, वह अब बढ़कर 619 लाख मीट्रिक टन हो गया है। इसलिए मैं कहता हूं—”कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” अर्थात अपना काम मेहनत से करो, बाकी चिंता छोड़ दो।
रवींद्र भवन में सौंपे नियुक्ति पत्र
यह बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के रवींद्र भवन में शनिवार को कही। मुख्यमंत्री यहां पर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के 925 चिकित्सा अधिकारियों एवं विभिन्न विभागों के चयनित अधिकारी-कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर एक विभाग का अपना महत्व है। अगर स्वास्थ्य विभाग की दृष्टि से देखें, तो कहा गया है “पहला सुख निरोगी काया” शरीर स्वस्थ है, तो आप दुनिया में हर काम कर सकते हैं।
डॉक्टर्स भगवान का रूप होते हैं
स्नेह, प्रेम और आत्मीयता का ऐसा रसायन होता है, जो आधी बीमारी को अपने आप ठीक कर देता है। इसलिए आप सभी नव नियुक्त डॉक्टर्स मरीजों पर स्नेह और प्रेम की वर्षा करें, ताकि वो जल्दी स्वस्थ हो जाएं। डॉक्टर जान बचाने वाला भगवान है। जनता डॉक्टर को भगवान के बाद दूसरा दर्जा देती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नवनियुक्त सभी अधिकारियों, कर्मचारियों के जीवन में भी आज नई शुरुआत हो रही है। आज एक साथ 925 डॉक्टर्स अपने-अपने अस्पतालों में यहां से प्रस्थान करेंगे। अपने आप में स्वास्थ्य की दृष्टि से यह अत्यंत क्रांतिकारी कदम है।
सनातन पर सवाल उठाना ठीक नहीं
सीएम ने कहा कि अपना भारत ही ये कहता है। “प्राणियों में सद्भावना हो और विश्व का कल्याण हो”। भारत की बड़ी सोच है और यही सनातन सोच है, जिस पर कुछ लोग उंगलियां उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन अर्थपूर्ण होना चाहिए। मनुष्य, पशु-पक्षियों तथा पेड़-पौधे; सभी में एक ही चेतना है। अपने लिए जिये तो क्या जिये, तू जी ऐ दिल जमाने के लिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सरकार नहीं, परिवार चलाता हूं और मेरा आप से यह वादा है। जनता की चिंता आप करो, आपकी चिंता मैं करूंगा।