उमरिया – जिले में गेहूं की फसल काटने के बाद खेतों में पराली (नरवाई) न जलाने का आदेश जिले के कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने 21 अप्रैल को जारी करते हुए सभी किसानों को आगाह किया था कि यदि ऐसा पाया गया तो संबंधित के विरुद्ध सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के बाद भी मानपुर तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम पिपरिया के 15 किसान और बांधवगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम महरोई के 3 किसान इसका उल्लंघन किये और इसकी सूचना पटवारी के माध्यम से जिले तक पहुंची। इस सूचना के पहुंचने के बाद जिले के कलेक्टर ने आदेश का उल्लंघन करने वाले किसानों पर सख्त कार्यवाई करते हुए उन पर जुर्माना लगाया है। नायब तहसीलदार के प्रतिवेदन पर कलेक्टर ने किसानों पर जुर्माना लगाया है जिले में एक साथ 18 किसानों पर जुर्माना लगाने पर पूरे जिले के किसानों में हलचल मच गई है। जिन किसानों पर जुर्माना लगाया गया है, वो इस प्रकार है
।ग्राम पिपरिया के किसान इस प्रकार हैं, सुनील पिता रामावतार तिवारी 15 हजार रुपये, रामानुज पिता मनोहर राम ब्राम्हण दो हजार पांच सौ रुपये, अवधेश प्रसाद पिता सुदर्शन प्रसाद दो हजार 5 सौ रुपये, गंगाराम राय पिता माधव प्रसाद राय 2 हजार 5 सौ रुपये, गुरुचरण पिता बुटुवा 5 हजार रुपये, गोरेलाल यादव पिता शिवचरण 2 हजार 5 सौ रुपये, संतो बेवा कछेदी यादव 2 हजार 5 सौ रुपये, हेतराम पिता परसादी साहू 5 हजार रुपये, सोनेलाल पिता दसुआ साहू 5 हज़ार रुपये, अजीत पिता दस्सू साहू 2 हजार 5 सौ रुपये, कुसुम पिता शंकर राम 2 हजार 5 सौ रुपये, बंदना पति शुभम द्विवेदी 2 हजार 5 सौ रुपये, रामलाल पिता जीवनलाल द्विवेदी 15 हजार रुपए, रामप्रमोद पिता रोहणी प्रसाद द्विवेदी 5 हजार रुपए, रामप्रसाद पिता रोहणी प्रसाद द्विवेदी 5 हजार रुपए शामिल हैं। वहीं बांधवगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम महरोई के किसान केशरी पुत्र जग्गू लोहार 2 हजार 5 सौ रुपये, टीकाराम पुत्र कमला विश्वकर्मा 2 हजार 5 सौ रुपये एवं पुरुषोत्तम राठौर पर भी 2 हजार 5 सौ रुपये का जुर्माना किया गया है।
जहां कलेक्टर की इस कार्रवाई से जिले के किसानों में हड़कंप मचा हुआ है तो वहीं किसानों में प्रशासन के प्रति काफी आक्रोश भी नजर आ रहा है, ग्राम पिपरिया के किसानों ने कहा कि हमको टारगेट किया गया है जबकि हम लोग अधिया भाग में अपना खेत दे देते हैं और जिनके उपर जुर्माना किया गया है सभी लोग के खेत अगल बगल लगे हुए हैं और आग दूसरे खेतों तरफ से आई है, किसने लगाया हमको पता नही है, हमारे भी मोटर, पम्प, वायर और बाड़ी भी जल गये हैं, हमको किसी तरह की नोटिस या सूचना नही दी गई है। हम लोगों को तो सुनने को मिला है कि हमारे ऊपर जुर्माना लगाया गया है, लेकिन जुर्माना मात्र हम पिपरिया गांव के किसानों के ऊपर किया गया है जबकि जिले में जिधर नजर डालिए उसी तरफ फसल कटने के बाद आग लगाई गई है। एक तरफ तो मुख्य मंत्री जी किसानों के उत्थान की बात करते हैं और दूसरी तरफ उनके अधिकारी हमारी चमड़ी नोचने में लगे हैं।
वहीं किसानों ने कहा कि हम लोग सामूहिक रूप से मंगलवार को जन सुनवाई में और मुख्यमंत्री के नाम का आवेदन भी देंगे।वहीं जब प्रभारी कोतवाली थाना प्रभारी बालेन्द्र शर्मा से बात किया गया तो उनका कहना है उप तहसील बरबसपुर से नायब तहसीलदार रणमत सिंह जी के यहां से उनका एक कर्मचारी एक पत्र लेकर आया था और रिपोर्ट दर्ज करने को कहा लेकिन जब उससे पंचनामा और अन्य कागजात मांगे गए साथ ही कहा गया कि किसकी तरफ से रिपोर्ट दर्ज करनी है, फरियादी कौन बनेगा तो वो आवेदन लेकर वापस चला गया और अभी तक कोई भी नही आया है, यह सच है कि आवेदन आया था लेकिन कोई फरियादी और कागजात न होने के कारण किसी तरह की कोई एफआईआर दर्ज नही हुई है।गौरतलब है कि जिले के कलेक्टर की इस कार्रवाई से किसानों में खासा रोष उत्पन्न हो रहा है।