नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है. इसका सबसे बुरा असर बुजुर्गो में देखने को मिल रहा है इसलिए खतरा भी बुजुर्गों को ही ज्यादा है. इन बुजुर्गों में खासतौर पर वो लोग हैं, जो पहले से ही कई बीमारियों से जूझ रहे हैं, हाई-रिस्क पर हैं.
दुनिया भर में कोरोना पीड़ितों के आंकड़े इसकी पुष्टि भी करते हैं. इस बीच, यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन (Ursula von der Leyen) ने एक ऐसा बयान दिया है, जो शायद अधिकांश बुजुर्गों को पसंद न आए. उनका कहना है कि प्रभावी सुरक्षा के लिए बुजुर्गों को पूरे एक साल आइसोलेशन में रखा जा सकता है.
लेयेन ने जर्मनी के समाचार पत्र ‘बिल्ड’ से बातचीत में कहा कि कोरोना की अब तक कोई दवा विकसित नहीं हुई है. इसलिए बुजुर्गों को तब तक आइसोलेशन में रखा जाए, जब तक वैक्सीन नहीं बन जाती.
ये भी पढ़ें- देशभर में कोरोना संक्रमण के 9152 मामले, 308 की मौत: स्वास्थ्य मंत्रालय
देशभर में कोरोना वायरस (coronavirus) के संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 9152 हो गई है. इस महामारी से देशभर में अब तक 308 लोगों की मौत हुई है. पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण से 35 लोगों की मौत हुई है. पिछले 24 घंटे स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी.
अग्रवाल ने बताया, “कोविड-19 के खिलाफ 5 हजार लोगों ने वालेंटियर्स के तौर पर योगदान दिया है. अब तक 30 करोड़ लोगों को आर्थिक मदद दी गई. देश में कोरोना टेस्ट किट की कोई कमी नहीं है.”
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