नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) संकट को देखते हुए जी-20 देश दुनिया के सबसे गरीब देशों की मदद के लिए आगे आए हैं. जी-20 ने फिलहाल इन देशों से कर्ज वसूली रोकने का फैसला लिया है. साथ ही महामारी से मिलकर निपटने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है.
G-20 देशों के वित्तमंत्रियों ने बैठक में इस बात पर सहमति जताई कि मौजूदा संकट को देखते हुए गरीब देशों से कर्ज वसूली को कुछ समय के लिए लंबित किया जा सकता है. G-20 ग्रुप के प्रमुख और सऊदी के वित्तमंत्री मोहम्मद अल-जदान ने बताया कि इस फैसले का अर्थ है कि गरीब देशों को अगले 12 महीनों तक कर्ज चुकाने की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है.
बैठक की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, ‘यह कदम गरीब देशों के लिए 20 अरब डॉलर की तात्कालिक तरलता प्रदान करेगा, इससे उन्हें अपने नागरिकों को COVID-19 से बचाने के लिए जरूरी इंतजामों में मदद मिलेगी.
ये भी पढ़ें- देश में कोरोना के 12380 मरीज, पिछले 24 घंटे में 941 नए केस: स्वास्थ्य मंत्रालय
गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)और विश्व बैंक ने जी-20 से आग्रह किया था कि ऐसे मुश्किल दौर में उन देशों के लिए कर्ज वसूली को कुछ समय के लिए टाल दिया जाए, जो आर्थिक मोर्चे पर कमजोर हैं. जी-20 देशों के कर्ज वसूली को लंबित करने के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते करते हुए IMF और विश्व बैंक ने कहा कि यह फैसला स्वागत योग्य है, इससे उन देशों को काफी फायदा होगा जो पहले से ही कोरोना से लड़ाई में आर्थिक समस्या का सामना कर रहे हैं.
20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं वाले इन देशों के वित्तमंत्रियों की यह बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुए, जिसके बाद एक संयुक्त बयान जारी करके फैसले के बारे में बताया गया. गरीब देशों से कर्ज वसूली तत्काल प्रभाव से लंबित कर दी गई है.
ये भी देखें-