भारत, ब्यूरो। विपक्षी दलों के गठबंधन ने अपना नाम इंडिया (I. N. D. I. A. ) कर लिया है। कभी शाइनिंग इंडिया, कभी डिजिटल इंडिया तो कभी डिजिटल इंडिया का नारा देने वाली भाजपा सरकार के लिए यही बात गले की हड्डी बन गई है। इन दिनों इंडिया शब्द विपक्षी दलों ने अपना लिया है। यही बात देश की मोदी सरकार के लिए मुसीबत बन रहा है। इसी समस्या से बचने के लिए अब भाजपा अब भारत शब्द का उपयोग करने जा रही है। सरकार G20 समिट में शामिल वर्ल्ड लीडर्स के लिए राष्ट्रपति भवन में 9 सितंबर को डिनर का आयोजन किया गया है। इसके लिए भेजे आमंत्रण पत्र में परंपरा से हटकर ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ (President of Bharat) लिखा है। विपक्षी दलों सहित कई नागरिक इसका विरोध करने लगे हैं। क्या प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखना गैर-संवैधानिक है। इंडिया और भारत नाम कहां से आए हैं। यहां पूरी जानकारी दे रहे हैं। बताया जाता है कि
प्राचीनकाल से भारत के अलग-अलग नाम रहे हैं। जैसे जम्बूद्वीप, भारतखण्ड, हिमवर्ष, अजनाभवर्ष, भारतवर्ष, भारत, आर्यावर्त, हिन्द, हिन्दुस्तान और इंडिया। हालांकि इनमें सबसे ज्यादा प्रचलित नाम भारत रहा है। बताया जाता है कि पौराणिक काल में भरत नाम के कई रेफरेंस मिलते हैं। जैसे- राजा दशरथ के बेटे और राम के छोटे भाई भरत। नाट्यशास्त्र के रचयिता भरतमुनि, पुरुवंश के राजा दुष्यंत और शकुंतला के बेटे भरत जिनका जिक्र महाभारत में भी है। महाभारत में भरत को सोलह सर्वश्रेष्ठ राजाओं में गिना गया है। आपको बता दें कि पौराणिक मान्यताओं को आधार मानने पर भारत नाम के पीछे दुष्यंत के बेटे भरत का ही जिक्र आता है। ऋग्वेद की एक शाखा ऐतरेय ब्राह्मण में भी दुष्यंत के बेटे भरत के नाम पर ही भारत नामकरण का तर्क है। इसमें भरत को एक चक्रवर्ती राजा यानी चारों दिशाओं को जीतने वाला राजा कहा गया। ऐतरेय ब्राह्मण में इसका भी जिक्र है कि भरत ने चारों दिशाओं को जीतने के बाद अश्वमेध यज्ञ किया जिसके चलते उनके राज्य को भारतवर्ष कहा गया।
I. N. D. I. A. से बढ़ा संकट, भाजपा अब क्यों ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ पर उतरी
