वॉशिंगटन: अमेरिका (America) चीन (China) के खिलाफ खुलकर मैदान में आ गया है. ह्यूस्टन स्थित चीन के वाणिज्य दूतावास को बंद करने के आदेश के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि ऐसे और भी फैसले लिए जा सकते हैं.
अमेरिका ने बुधवार को चीनी वाणिज्य दूतावास बंद करने का आदेश जारी किया. उसका कहना है कि अमेरिकियों की बौद्धिक संपदा और निजी सूचना की रक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है. ट्रंप का यह फैसला चीन को नागवार गुजरा और उसने भी धमकी भरे अंदाज में कहा कि इससे तनाव में अप्रत्याशित वृद्धि होगी. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग विनबेन ने तो जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दे डाली.
चीन शायद सोच रहा होगा कि उसकी धमकी का अमेरिका पर कोई असर होगा, लेकिन हुआ एकदम उल्टा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कदम आगे बढ़ते हुए साफ कर दिया कि भविष्य में दूसरे चीनी दूतावासों को भी बंद किया जा सकता है. प्रेस ब्रीफिंग के दौरान जब ट्रंप से इस संबंध में सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा ‘जहां तक दूसरे दूतावासों को बंद करनी की बात है, तो यह हमेशा संभव है’.
VIDEO: Trump says additional Chinese embassy closures possible.
“As far as closing additional embassies, it’s always possible,” Donald Trump tells reporters after Washington ordered the closure of the Chinese consulate in Houston pic.twitter.com/1mbwQEOGQU
— AFP news agency (@AFP) July 23, 2020
ट्रंप ने आगे कहा, ‘जैसा कि पता चला है कि ह्यूस्टन स्थित चीन के वाणिज्य दूतावास बंद करने के आदेश के बाद वहां कुछ दस्तावेज जलाये गए, यह संशय पैदा करता है. सभी विकल्प खुले हैं, हम यदि जरूरत पड़ी तो चीन के दूसरे दूतावास भी बंद किये जा सकते हैं’. गौरतलब है कि ह्यूस्टन दूतावास बंद करने की घोषणा के बाद वहां कुछ लोगों को कागज जलाते हुए देखा गया है. जिससे अमेरिका के उन आरोपों को बल मिलता है कि चीनी दूतावास जासूसी में शामिल है.
इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने एक संक्षिप्त बयान में कहा था कि हमने अमेरिकियों की बौद्धिक संपदा और निजी जानकारी की रक्षा करने के उद्देश्य से पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चीन के ह्यूस्टन के महावाणिज्य दूतावास को बंद करने का निर्देश दिया है. विदेश विभाग की प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टगस के मुताबिक, अमेरिका चीन द्वारा हमारी संप्रभुता का उल्लंघन और हमारे लोगों को धमकाना बर्दाश्त नहीं करेगा. वैसे ही जैसे चीन के अनुचित व्यापार व्यवहार, अमेरिकियों की नौकरी चुराने और अन्य आक्रामक व्यवहार को सहन नहीं किया गया.
ऑर्टगस ने विएना संधि को रेखांकित किया, जिसके तहत राष्ट्रों का दायित्व है कि मेजबान देश के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करें. टेक्सास के ह्यूस्टन का वाणिज्य दूतावास अमेरिका में मौजूद पांच वाणिज्य दूतावासों में से एक है.
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