Monday, June 30, 2025
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doodh peene se cancer: रोजाना 2 कप से ज्यादा दूध पीती हैं तो हो जाइए सावधान, ब्रेस्ट कैंसर का खतरा! – new research says that drinking 2 or 3 cups of milk daily increases risk of breast cancer by 80 percent

Published By Neha Seth | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

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जिन महिलाओं को दूध पीना बहुत पसंद है उनके लिए ये खबर शॉक की तरह हो सकती है। जी हां, दूध जिसे सबसे हेल्दी फूड माना जाता है, दूध जो बचपन से ही मम्मी-पापा बच्चों को बोल-बोल कर खूब सारा पिलाते हैं, दूध जो कैल्शियम का बेहतरीन सोर्स है और हड्डियों को मजबूत बनाता है, वही दूध अब कैंसर की वजह भी बन रहा है। नियमित रूप से रोजाना दूध पीने से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 80 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। ऐसा हम नहीं कह रहे कि बल्कि एक नई रिसर्च में यह बात सामने आयी है।

2-3 कप डेली पीने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 80 प्रतिशत

अमेरिका की कैलिफॉर्निया स्थित लोमा लिंडा यूनिवर्सिटी में यह रिसर्च हुई जिसमें अनुसंधानकर्ताओं ने कुछ डराने वाले खुलासे किए। इसके मुताबिक हर दिन सिर्फ 1 कप यानी करीब 250ml दूध पीने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 50 प्रतिशत तक होता है जबकी वैसी महिलाएं जो 2 से 3 कप दूध रोजाना पीती हैं उन्हें ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा 70 से 80 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। स्टडी के ऑथर गैरी ई फ्रेजर कहते हैं, हमारे पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि हर दिन डेयरी मिल्क पीने से या फिर डेयरी मिल्क में कोई ऐसा तत्व मौजूद है जिस वजह से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

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प्लेन-बोरिंग मिल्क नहीं, दूध की ये वरायटी करें ट्राईप्लेन-बोरिंग मिल्क नहीं, दूध की ये वरायटी करें ट्राईआपका बच्चा भी दूध पीने में आनाकानी करता है तो उसे प्लेन-बोरिंग दूध न पिलाएं। डेयरी मिल्क की बजाय दूध के ऐसे विकल्प चुनें जो हेल्दी भी हैं और बच्चे इन्हें चाव से पिएंगे भी।

खानपान की आदत पर 8 साल तक रखी गई नजर

इस रिसर्च के नतीजों को इंटरनैशल जर्नल ऑफ इपिडेमोलॉजी में प्रकाशित किया गया। इस रिसर्च में 100-200 नहीं बल्कि नॉर्थ अमेरिका की 53 हजार महिलाओं को शामिल किया गया और उनकी डायट से जुड़ी रोजाना की आदतों पर करीब 8 साल तक नजर रखी गई। ये सभी महिलाएं रिसर्च का हिस्सा बनने से पहले पूरी तरह से कैंसर फ्री थीं। रिसर्च के दौरान इन महिलाओं की डायट और खान पान की आदतों से जुड़े कई सवाल पूछे गए। इसके अलावा भी कई सवाल पूछे गए जैसे- ब्रेस्ट कैंसर की फैमिली हिस्ट्री है या नहीं, फिजिकल ऐक्टिविटी कितनी होती है, ऐल्कॉहॉल का सेवन कितना करती हैं, हॉर्मोन्स से जुड़ी कोई समस्या है या नहीं, किसी और तरह की दवा तो नहीं खा रहीं और प्रजनन और गाइनैकॉलजी से जुड़े इशूज हैं या नहीं।

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गाय के दूध में मौजूद हॉर्मोन हो सकता है जिम्मेदार

हालांकि इस रिसर्च में सिर्फ निरीक्षण किया गया था और स्टडी में दूध पीने से कैंसर क्यों होता है इस बात का कारण साबित नहीं हो पाया लेकिन वैज्ञानिकों की मानें तो गाय के दूध में मौजूद एक तरह के हॉर्मोन को इसके लिए जिम्मेदार माना जा सकता है। इस स्टडी के खत्म-खत्म होते होते रिसर्च में शामिल महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के करीब 1100 नए मामले सामने आ चुके थे। कैंसर के रिस्क का संबंध फुल फैट मिल्क, लो फैट मिल्क या नो फैट मिल्क से नहीं था। तीनों ही तरह के दूध का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ने की बात सामने आयी।

8 घंटे से ज्यादा सोने पर ब्रेस्ट कैंसर का खतरा8 घंटे से ज्यादा सोने पर ब्रेस्ट कैंसर का खतराहम सब जानते हैं कि कम सोना सेहत के लिए कितना नुकसानदेह होता है, लेकिन कम लोग ही जानते होंगे की ज्यादा सोना भी सेहत के लिए खतरनाक है।

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8 में से 1 महिला ब्रेस्ट कैंसर का शिकार

ब्रेस्ट कैंसर आज महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर बन गया है। आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर 8 में से 1 महिला ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हो जाती हैं। इसलिए इस कैंसर के परीक्षण के लिए सही समय पर जांच करवानी चाहिए। जांच के अलावा ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों के बारे में भी जानकारी होना भी जरूरी है। नैशनल ब्रेस्ट कैंसर फाउंडेशन के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर के कुछ कारण ऐसे होते हैं जिनसे अगर दूरी बना ली जाए तो ब्रेस्ट कैंसर से बचा जा सकता है, जैसे शराब का सेवन, धूम्रपान, खानपान की आदतें आदि।

ब्रेस्ट कैंसर के इन लक्षणों की न करें अनदेखी

– अगर स्किन के टेक्सचर और रंग में बदलाव दिखे।

– निप्पल की स्किन उतरने लगे या पपड़ी जम जाए।

– ब्रेस्ट सिकुड़ जाए या उसमें गड्ढा बन जाए।

– एक या दोनों ब्रेस्ट की शेप या साइज बदल जाए।

– ब्रेस्ट मिल्क के अलावा किसी और तरह का डिस्चार्ज होने लगे।

– ब्रेस्ट में सूजन आ जाए या फिर लगातार खुजली हो।

​नियमित रूप से करें ब्रेस्ट की जांच

  • ​नियमित रूप से करें ब्रेस्ट की जांच

    दुनियाभर में तेजी से फैल रही बीमारी है कैंसर और उसमें भी महिलाओं के बीच सबसे ज्यादा और तेजी से होने वाली समस्या है ब्रेस्ट कैंसर। भारत की बात करें तो हमारे देश में 25 से 32 प्रतिशत महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हो रही हैं। ऐसे में नियमित रूप से अगर ब्रेस्ट की जांच की जाए तो शुरुआती स्टेज में ही कैंसर का पता लगाया जा सकता है और इसे जानलेवा बनने से रोका जा सकता है। डॉक्टर के पास जाकर जांच करवाने से पहले आप चाहें खुद ही अपने ब्रेस्ट की जांच कर शुरुआती लक्षणों को पहचान सकती हैं। ब्रेस्ट की जांच कैसे करनी है, स्टेप बाई स्टेप तरीका यहां जानें…

  • ​आइने के सामने खड़ी हो जाएं

    आइने के सामने खड़ी हो जाएं और ध्यान रहे कि कमरे में भरपूर रोशनी हो। अब अपने कंधों को सीधा रखें, बाजू को साइड में रिलैक्स्ड रखें और फिर अपने ब्रेस्ट में किसी भी तरह की गांठ, साइज में अंतर, ब्रेस्ट के शेप में अंतर या फिर किसी और तरह की विकृति की जांच करें।

  • ​निपल्स की जांच करें

    ब्रेस्ट के बाद बारी आती है निपल्स की। निपल्स को ध्यान से देखें कि कहीं उसका रंग तो नहीं बदल रहा, कहीं उसमें किसी तरह का धब्बा तो नहीं दिख रहा। निपल्स को थोड़ा सा दबाएं और चेक करें कि उसमें से किसी तरह का फ्लूइड डिस्चार्ज तो नहीं हो रहा।

  • ​आर्मपिट की भी जांच है जरूरी

    ब्रेस्ट कैंसर के लिए सिर्फ ब्रेस्ट ही नहीं बल्कि आर्मपिट की जांच भी जरूरी है। इसके लिए अपने हाथ को उठाएं और अपने आर्मपिट की जांच करें। उंगली को घुमाकर आर्मपिट में चेक करें कि कहीं किसी भी तरह की गांठ तो नहीं। दोनों आर्मपिट और अंडरआर्म्स को अच्छी तरह से चेक करें।

  • ​ब्रेस्ट टीशू को चेक करें

    अब अपने ब्रेस्ट टीशू को हल्के हाथ से दबाएं और अंडरआर्म्स के हिस्से से लेकर ब्रेस्ट तक के हर एक टीशू को चेक करने की कोशिश करें कि कहीं उसमें किसी तरह की गांठ या कोई और दिक्कत तो महसूस नहीं हो रही।

  • पीरियड्स के 3-5 दिन बाद करें चेक

    ब्रेस्ट एग्जामिनेशन का सबसे सही समय मेन्स्ट्रुअल साइकल यानी पीरियड्स के 3 से 5 दिन बाद होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पीरियड्स के बाद 5 दिन बाद ब्रेस्ट में सूजन नहीं होती और उन्हें एग्जामिन करना आसान होता है। हर महीने अपने लिए 10 मिनट का समय निकालें और अपने ब्रेस्ट की जांच करें। जब आप नियमित रूप से ब्रेस्ट की सेल्फ-एग्जामिनेशन यानी खुद से जांच करना शुरू करेंगी तो कुछ भी अजीब दिखने पर आपको तुरंत पता चल जाएगा। लेकिन उसके बाद तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।


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