नई दिल्ली। बाबरी मस्जिद के निर्माण को ‘बुनियादी तौर पर अपवित्र कार्य’ बताने वाले अपने बयान पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने सफाई दी है। एक इंटरव्यू में दिए गए इस बयान पर विवाद बढ़ने के बाद, चंद्रचूड़ ने कहा कि उनके शब्दों को ‘तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया’।
उन्होंने कहा कि लोग अक्सर उनके जवाब के एक हिस्से को दूसरे के साथ जोड़कर गलत अर्थ निकालते हैं। चंद्रचूड़ ने यह भी स्पष्ट किया कि अयोध्या मामले का फैसला किसी ‘आस्था के आधार’ पर नहीं, बल्कि ‘साक्ष्य और कानूनी सिद्धांतों’ के आधार पर सुनाया गया था। उन्होंने बताया कि फैसले का आधार मस्जिद के नीचे मंदिर के साक्ष्य मिलना था।