नई दिल्ली। देश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। उस पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है। वहीं, मुख्तार के सहयोगी सोनू यादव को 5 साल की सजा मिली है। सोनू पर भी कोर्ट ने 2 लाख का जुर्माना ठोका है। हालांकि, मुख्तार के वकील लियाकत का कहना है कि ये केस मेंटेनेबल नहीं है, हम हाईकोर्ट में अपील करेंगे और उम्मीद है कि हमें वहां से न्याय मिलेगा। बता दें की एमपी-एमएलए कोर्ट के जज अरविंद मिश्र की अदालत ने गैंगस्टर मामले में अंसारी को कल ही दोषी करार दिया था। आज अदालत ने सजा का ऐलान किया है। सजा को लेकर मुख्तार ने मायूसी से कहा कि हुजूर (जज) इस मामले से मेरा कोई सरोकार नहीं है, मैं तो 2005 से जेल में बंद हूं। आपको बता दें कि मालूम हो कि गाजीपुर कोर्ट से गैंगस्टर एक्ट के तीसरे मुकदमे में मुख्तार अंसारी को लगातार सजा सुनाई गई है। इससे पहले गाजीपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने अवधेश राय हत्याकांड के बाद दर्ज हुए गैंगस्टर एक्ट के केस में और कृष्णानंद राय हत्याकांड के बाद दर्ज हुए गैंगस्टर केस में भी सजा सुनाई थी। दरअसल, 19 अप्रैल 2009 को हुए कपिल देव सिंह हत्याकांड (Kapildev Singh Murder) और 24 नवंबर 2009 को मीर हसन अटैक केस में मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया था। इन कांड के मुख्य केस में मुख्तार अंसारी को कोर्ट द्वारा बरी कर दिया गया था। पुलिस ने इन दोनों ही मामले में मुख्तार अंसारी को 120 बी यानी साजिश रचने का आरोपी बनाया था, लेकिन पुलिस साजिश में शामिल होने को साबित नहीं कर पाई थी। इसकी वजह से दोनों ही मूल केस में कोर्ट ने बरी कर दिया था। मगर, अब गैंगस्टर एक्ट के केस में कोर्ट ने दोषी करार दिया है। साथ ही सजा भी सुनाई है। बता दें कि कृष्णानंद राय हत्याकांड केस में कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई थी। 29 नवंबर 2005 को गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय अपना काफिला लेकर भांवरकोल ब्लॉक के सियाड़ी गांव में एक क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करने गए थे। जब वह कार्यक्रम से लौट रहे थे तो बसनिया चट्टी के पास घात लगाए हमलावरों ने उनके काफिले पर हमला कर दिया था। हमलावर ने एके-47 से अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी।