Saturday, April 20, 2024
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Health Benefits of Sitting and Eating on the Floor : डाइनिंग या बेड़ पर नहीं, जमीन पर बैठकर खाने से मिलते हैं जबरदस्‍त फायदे

आज भले ही डायनिंग टेबल या टेबल-कुर्सी पर बैठकर खाना खाने का ट्रेंड-सा बन चुका है और बैठकर खाने में हमें झिझक महसूस होती है। लेक‍िन चाहे-अनचाहे ही सही, लेक‍िन बैठकर खाना खाने के फायदों को हम स‍िरे से नकार नहीं सकते। हालांक‍ि अब भी भारत के कई हिस्सों, जैसे- दक्षिण भारत, पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, झारखंड और पंजाब के घरों में या लंगर या भोग ग्रहण करने के दौरान जमीन पर बैठकर ही खाना खाया जाता है। जमीन पर बैठकर खाना खाने की परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही है। क्योंक‍ि इससे हमारी सेहत पर कई सारे सकरात्मक असर होते हैं और तो और हम कई तरह की बीमार‍ियों से भी सुरक्ष‍ित रहते हैं। तो आइए जानते हैं बैठकर खाना खाने के फायदे-

मानसिक तनाव को दूर कर बढ़ाता है एकाग्रता

डाइनिंग टेबल या टेबल-कुर्सी पर बैठकर खाने के मुकाबले बैठकर भोजन करना एक प्रकार के योग का आसन भी है। इसमें हम जिस तरह एक पैर को दूसरे पैर रखकर बैठते हैं, वह सुखासन या पद्मासन की मुद्रा है। इन दोनों ही आसनों से एकाग्रता बढ़ती है। साथ ही मानसिक तनाव भी दूर होता है।

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पाचन क्रिया होती है बेहतर

जमीन पर बैठकर खाने से आपको भोजन करने के लिए प्लेट की तरफ झुकना होता है, यह एक नैचुरल पोज है। लगातार आगे होकर झुकने और फिर पीछे होने की प्रक्रिया से आपके पेट की मांसपेशियां निरंतर कार्यरत रहती हैं, जिसकी वजह से आपकी पाचन क्रिया भी बेहतर बनती है और खाना जल्दी पचता है। जिससे आपको भोजन का पूरा फायदा मिलता है।

बॉडी-पोश्चर सही होता है

फर्श पर बैठकर खाने से हमारा बॉडी-पोश्चर बेहतर बनता है और शरीर की कई तकलीफें दूर होती हैं। इससे आपकी मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। साथ ही सही पोस्चर में बैठने से आपके शरीर में रक्त का संचार बेहतर होता है, जिससे हृदय को भी कम मेहनत करनी पड़ती है। इस तरीके से बैठने से आपकी रीढ़ की हड्डी के निचले भाग पर जोर पड़ता है, इससे आपकी सांस की रफ्तार संयम‍ित होती है, मांसपेशियों का खिंचाव कम होता है और रक्तचाप में भी कमी आती है।

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जोड़ों के दर्द से बचाव

जमीन पर बैठकर भोजन करने के लिए आपको अपने घुटने मोड़ने पड़ते हैं। इससे आपके घुटनों का भी बेहतर व्यायाम हो जाता है। जमीन पर बैठकर खाने से कूल्हे के जोड़, घुटने और टखने लचीले बनते हैं। इस लचीलेपन से जोड़ों की चिकनाई बनी रहती है, उनकी लचक बरकरार रहती है, जिस वजह से आप जोड़ों के दर्द की समस्या से बचते हैं। जिससे आगे चलकर उठने-बैठने की दिक्कत नहीं आती।

ब्लड सर्कुलेशन होता है बेहतर

जमीन पर सही पोस्चर (क्रॉस लेग्स करके) में बैठकर खाने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और साथ ही नसों का खिंचाव दूर होता है। इससे दिल के आसपास का प्रेशर भी कम होता है, जो उसे मजबूत बनाता है। अगर आप दिल के मरीज़ हैं तो आपको आज ही डाइनिंग टेबल या टेबल-कुर्सी पर के बजाय नीचे बैठकर खाना खाना शुरू कर देना चाहिए।

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वजन को नियंत्रित रखने में है सहायक

फर्श पर बैठकर खाना खाने से वजन संतुलित रखने में भी मदद मिलती है। फर्श पर बैठकर खाने के दौरान आप पाचन की नेचुरल अवस्था में होते हैं। इससे पाचक रस बेहतर तरीके से अपना काम कर पाते हैं। साथ ही उनके स्त्रावण पर भी सकारात्मक असर पड़ता है। जमीन पर बैठना और उठना, एक अच्छा व्यायाम माना जाता है। जिससे वजन अनियंत्रित नहीं हो पाता।

शरीर के मुख्य भागों को म‍िलती है मजबूती

फर्श पर बैठकर खाना खाने के दौरान आपके पेट, पीठ के निचले हिस्से और कूल्हे की मांसपेशियों में खिंचाव पडता है, जिसकी वजह से दर्द और असहजता की समस्या में आराम मिलता है। साथ ही कमर दर्द में राहत मिलती है और रीढ़ की हड्डी समेत पीठ से जुड़ी समस्याएं नहीं होतीं। कमर, कूल्‍हों और घुटनों की एक्‍सरसाइज हो जाती है।


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