– मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्व-सहायता समूहों की दीदियों से किया संवाद, भेंट की स्कूटी, कांग्रेस पर साधा निशाना
– पहले 1 हजार रुपये डाले थे, कल खातों में 1250 डालूंगा
– चुनाव की घोषणा होगी तो चुनाव के समय नहीं डाल पाएंगे, इसलिए जल्दी भेज रहा हूं रुपये
– 3 हजार रुपया महीना देने का संकल्प करूंगा पूरा
– मैंने हिंदू मुसलमान, जात-पात कुछ नहीं देखा, सभी बहनों को दे रहा लाभ
– 53 लाख दीदियों को बनाऊंगा लखपति
– नारी अब अबला नहीं, सबला है, आजीविका मिशन की बहनों ने किया चमत्कार
भोपाल। लाड़ली बहना योजना (Ladli Bahna Yojna) के बारे में चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शुरू में 1 हजार रुपये दिया था। अभी यह 1250 किया है। कल ही पैसे डाले जाएंगे चुनाव की घोषणा होगी तो चुनाव के समय नहीं डाल पाएंगे, इसलिए कल डाल रहा हूं। कल बुरहानपुर से तुम्हारे खाते में ₹1250 डाल दूंगा। चुनाव के बाद एक महीना और आएगा चुपचाप वह भी डाल दूंगा। ये मेरा संकल्प है। 3 हजार रुपया महीना देके अपनी बहनों की तकलीफें दूर करूंगा। मैंने हिंदू मुसलमान, जात-पात कुछ नहीं देखा, मेरी बहनें तो मेरी बहने है कोई जात की हो, किसी भी धर्म की हो। यह बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में कहीं। मुख्यमंत्री (Shivraj Singh Chauhan) ने यहां पर स्व-सहायता समूहों की दीदियों से संवाद किया। साथ ही स्कूटी और ऋण का वितरण किया।
आर्थिक रूप से बनाउंगा सशक्त : शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्व सहायता समूह की अभी 15 लाख लखपति दीदी हैं। मैं आज यह संकल्प ले रहा हूं कि सभी 53 लाख दीदियों को लखपति दीदी बनाना है।
महिलाओं को ऐसे किया सशक्त
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री बनते ही सबसे पहले लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई। हमने तय किया कि अगर बेटी पैदा होगी, तो लखपति पैदा होगी। हमने स्थानीय चुनाव में यह तय किया कि आधी सीटों पर बहनें चुनाव लड़ेंगी। आज बहनें अलग-अलग पदों पर बैठकर सरकार चला रही हैं। अब लाड़ली बहनों को 1250 रुपये दिये जा रहे हैं।
आजीविका मिशन की बहनों ने किया चमत्कार : शिवराज
बहनों, मैं आज तुम्हे स्कूटी बांटने नहीं आया हूं, मैं तुम्हें और विश्वास दिलाने आया हूं। तुम्हें आत्मविश्वास से भरने आया हूं। एक जमाना था मेरी बहनों, जब औरत का, स्त्री का काम होता था केवल घर में रोटी बनाना। घूंघट मारकर बैठना, अभाव में जीना, घर से कभी नहीं निकलना और अगर कोई तकलीफ हो तो उस तकलीफ को भी दिल में दबा लेती थी। कई बार आंखों से आंसू बहाती रहती थीं। महिलाएं अब अबला नहीं है, हम सबला है। कई जगह तो हालत यह है कि महिलाओं ने पुरुषों से बेहतर काम किया है। आजीविका मिशन की बहनों ने चमत्कार करके दिखाया है।
तुम स्कूटी खरीदो, ब्याज मैं भरूंगा : मुख्यमंत्री
ब्लॉक में काम करने वालों को मैं अभी 1400 स्कूटी दे रहा हूं तो कांग्रेसियों ने उसकी शिकायत राजभवन में की है। जिनको रोना है वो रोते रहें। मैं आज 1400 स्कूटी दे रहा हूं। इसके बाद अगर कोई भी आजीविका मिशन की बहन स्कूटी खरीदेगी तो स्कूटी के लिए बैंक से जो पैसा मिलेगा, उसकी गारंटी भी मैं लूगा और ब्याज का पैसा भी मैं भरवाऊँगा।