सुप्रीम कोर्ट में चल रहे इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी का जीवन सत्य और सेवा को समर्पित था, जो किसी भी न्यायतंत्र की नींव माने जाते हैं. पीएम ने कहा कि हमारे बापू खुद भी वकील थे, बैरिस्टर थे. अपने जीवन का जो पहला मुकदमा उन्होंने लड़ा, उसके बारे में गांधी जी ने बहुत विस्तार से अपनी आत्मकथा में लिखा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये कॉन्फ्रेंस 21वीं सदी के तीसरे दशक के शुरुआत में हो रही है. ये दशक भारत सहित पूरी दुनिया में होने वाले बड़े बदलावों का है. ये बदलाव सामाजिक, आर्थिक, और तकनीकी हर क्षेत्र में होंगे. ये बदलाव तर्क संगत और न्याय संगत होने चाहिए. ये बदलाव सभी के हित में होने चाहिए.
कार्यक्रम में चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े ने कहा है कि दुनिया के किसी भी कोने मे कहीं भी बदलाव हो तकनीक की वजह से उसका असर दूसरे कोने तक जाता है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां समय-समय पर दुनिया के कई हिस्सों से लोग आए उनके साथ-साथ संस्कृति, परम्पराएं और नियम कायदे आए.
चीफ जस्टिस ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने स्वामी विवेकानंद के विचारों के मुताबिक स्वतंत्रता और कर्तव्यों की अनिवार्यता के बीच तालमेल का पूरा ध्यान रखा. गांधीजी ने भी कर्तव्य को धुरी में रखा. सभी लोग अपने कर्तव्य को निष्ठा और ईमानदारी से पालन करेंगे तो देश सुचारू रूप से चलेगा.