मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का मां नर्मदा पर विवादित बयान मान्यता के विपरीत कहा यह भाजपा कार्यकाल में ही संभव है की मां नर्मदा बरगी डैम से होते हुए सोनभद्र से मिलने रीवा की तरफ आगे बढ़ रही है उन्होंने यह बयान शहडोल संसदीय क्षेत्र के अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा के ग्राम कृपा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए दिया अब इस बयान को लेकर अमरकंटक के संत समाज काफी नाराज हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री के इस बयान को बचकाना बताया है।
जबकि अमरकण्टक नर्मदा उद्गम से लेकर भरूच तक यही पौराणिक कथा या मान्यता है कि सोनभद्र और माँ नर्मदा का विवाह होना था पर सोनभद्र माँ नर्मदा की सहेली जुहिला पर आशक्त हो गए थे जिससे नाराज होकर नर्मदा पश्चिम गामी होकर रौद्र रूप में बह गई और सोनभद्र से कभी भी ना मिलने का श्राप दी और चीर कुवांरी कहलाई अब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के इस बयान से विवाद होने लाजमी है।
अमरकण्टक के संत समाज ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है उनका कहना है कि भाजपा को धर्म और अध्यात्म और परंपराओं और मान्यताओं से कोई लेना-देना नहीं है इसीलिए मुख्यमंत्री ने यह कहा कि मां नर्मदा सोनभद्र से मिलने जा रही है जबकि मां नर्मदा ने शपथ ली थी कि वह सोनभद्र से जीवन में कभी नहीं मिलेंगी और प्रकृति रूप से सोनभद्र और माँ नर्मदा का कहीं भी मिलन नहीं होता है अमरकंटक के बर्फानी आश्रम के महामंडलेश्वर लक्ष्मण दास बाल योगी ने एक वीडियो बयान जारी करते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के सभी दावे झूठे हैं मां नर्मदा का सोनभद्र से कभी मिलन हो ही नहीं सकता और यह कहना कि भाजपा शासन काल में ही यह संभव है वह परंपराओं को और मान्यताओं को तोड़ने जैसा है।
स्पीच:- डॉक्टर मोहन यादव मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन
बाइट:- लक्ष्मण दास बाल योगी महामंडलेश्वर बर्फानी आश्रम अमरकंटक