Saturday, April 20, 2024
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Misinfo-demic about COVID-19 proliferating falsehoods, putting more lives at risk: Guterres | UN प्रमुख की चेतावनी! सोशल मीडिया पर कोरोना से जुड़ी भ्रामक जानकारियों से मौत का खतरा

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र (UN) के प्रमुख एंटोनियो गुतारेस ने चेतावनी दी है कि व्हाट्सएप जैसे तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर COVID-19 के बारे में गलत जानकारियां साझा की जा रही हैं.  इन भ्रामक जानकारियों की वजह से लोगों की जान को खतरा और बढ़ गया है. संयुक्त राष्ट्र ने इंटरनेट पर फैल रहे इस जहर से निपटने के लिए तथ्यों और विज्ञान से जुड़ी जानकारी प्रसारित करने के आदेश दिए हैं.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने मंगलवार को एक संदेश में, कोरोना वायरस से जुड़ी हानिकारक स्वास्थ्य सलाह और सांप के तेल से समाधान जैसी भ्रामक बातों पर चिंता व्यक्त की. उनहोने कहा कि, ‘ दुनिया घातक COVID-19 महामारी से लड़ रही है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से हमारे लिए ये सबसे बड़ा चुनौतीपूर्ण संकट है. हम एक और महामारी भी देख रहे हैं, गलत सूचनाओं की एक खतरनाक महामारी.’

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उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर झूठीऔर गलत जानकारियों की भरमार है, जिससे इंटरनेट भी संक्रमित हो रहा है. कुछ खास समूह और लोगों के प्रति घृणा बढ़ रही है.  दुनिया को इस बीमारी के खिलाफ भी एकजुट होना चाहिए. इन झूठ और बेकार बातों को खारिज करने की अपील करते हुए गुटेरेस ने इंटरनेट को तथ्यों और विज्ञान से जुड़ी जानकारी से भर देने के लिए एक नए अभियान की घोषणा की है.

महासचिव के लिए प्रवक्ता, स्टीफन दुजारिक ने कहा कि- व्हाट्सएप और इस तरह के अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर महामारी के बारे में गलत प्रचार किया जा रहा है, जो न केवल गलत है बल्कि वैश्विक स्तर पर महामारी के इलाज की दिशा में हो रहे प्रयासों के लिए हानिकारक हो सकता है. उन्होंने कहा कि नई पहल के तहत, यूएन विभिन्न सोशल मीडिया कंपनियों के संपर्क में रहेगा, जो खुद भी गलत सूचनाओं को जड़ से उखाड़ने की कोशिश में काफी सक्रिय रहे हैं, और ऐसे लोगों के अकाउंट सस्पेंड कर रहे हैं जो सक्रिय रूप से गलत और खतरनाक जानकारियां पोस्ट कर रहे हैं. और हमें लगता है कि अभिव्यक्ति की संवतंत्रता के अधिकार को बाधित किए बिना भी ये किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाना चाहिए. वहीं समाचार संगठनों, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की ज़िम्मेदारी है कि इस तरह की जानकारियां प्रसारित न हों. इस संबंध में, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बयान के बारे में पूछा गया कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का उपयोग वायरस के इलाज के लिए किया जा सकता है, जबकि डॉक्टरों ने इसे खतरनाक बताया है. इसपर दुजारिक ने कहा कि कोरोना को लेकर चल रही भ्रामक सूचनाओं के बारे में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने जो कहा है, उसका लेना देना किसी व्यक्ति विशेष से नहीं है. ऐसी भ्रामक सूचनाएं दुनिया भर में फैल रही हैं, यही संयुक्त राष्ट्र महासचिव की चिंता कारण भी है. इसीलिए उन्होंने ये संदेश देने का फैसला किया. दुजारिक ने बताया कि महासचिव गुटारेस के मुताबिक भ्रामक सूचनाओं की बजाय वैक्सिन और विज्ञान पर भरोसा करना चाहिये.

उन्होंने ऐसे फैक्ट चैकर्स और पत्रकारों की भी तारीफ भी की जो भ्रमक सोशल मीडिया पोस्ट और गलत जानकारियों के बावजूद सही खबरें लोगों तक पहुंचा रहे हैं.  

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों को कोविड 19 को लेकर चल रहे गलत दावों और नफरत फैलाने वाली बातों से छुटकारा पाने के लिए काम करना चाहिये. उन्होंने कहा कि भरोसेमंद प्रशासन तंत्र और तथ्यों पर आधारित सूचना देने वाले संस्थानों पर लोगों को भरोसा करना चाहिये.   

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संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुतारेस ने कहा कि इस महामारी में आपसी विश्वास और मानवाधिकारों का ध्यान रखकर ही हम इस महामारी से निकल सकते हैं. अपनी समझ और तथ्यों पर भरोसा करके ही हम कोविड 19 से मुकाबला कर सकते हैं, और एक स्वस्थ्य और बेहतर दुनिया बना सकते हैं.

महामारी शुरू होने से पहले ही यूनेस्को ने तथ्यों पर आधारित पत्रकारिता के खिलाफ चल रहे भ्रामक सूचनाओं वाले अभियानों को लेकर चेतावनी जारी की थी. इन जानकारियों में ऐसे दावे किए गए हैं कि ज्यादा शराब पीने या ज्यादा तापमान में रहने से वायरस मर जाता है.




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