नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा लगाए गए आरोपों को अपने वकील अभिषेक मनु सिंघवी के माध्यम से कड़ी चुनौती दी है. उन्होंने इन आरोपों को “अभूतपूर्व” और “संपत्ति विहीन” करार देते हुए खारिज कर दिया है. इस मामले में सोनिया गांधी प्रमुख आरोपी (नंबर एक) हैं, जबकि उनके बेटे राहुल गांधी दूसरे नंबर के आरोपी हैं.
दिल्ली की एक अदालत में पेश हुए सोनिया गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ED के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा, “यह एक अजीब मामला है. अजीब से भी ज्यादा अभूतपूर्व. यह धन शोधन का एक कथित मामला है, जिसमें कोई संपत्ति ही नहीं है. संपत्ति का उपयोग या प्रक्षेपण नहीं है.” सिंघवी का यह बयान ED द्वारा लगाए गए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की बुनियाद पर सीधा हमला है.
ED का आरोप है कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YI) ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) का अधिग्रहण कर मनी लॉन्ड्रिंग की है. AJL नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की प्रकाशक कंपनी है. हालांकि, सोनिया गांधी के बचाव पक्ष का तर्क है कि इस मामले में किसी भी प्रकार की संपत्ति का अवैध हस्तांतरण या उसके उपयोग का कोई ठोस सबूत नहीं है, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप टिक सकें.
यह मामला भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं और यंग इंडियन द्वारा AJL के अधिग्रहण से संबंधित है. ED का मानना है कि इस अधिग्रहण में मनी लॉन्ड्रिंग हुई है, जबकि कांग्रेस और सोनिया गांधी लगातार इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित और बेबुनियाद बताते रहे हैं. मामले की सुनवाई जारी है और सोनिया गांधी के वकील द्वारा दिया गया यह बयान ED के केस को और जटिल बना सकता है.