न्यूयॉर्क: शुक्र ग्रह पर जीवन की तलाश में जुटे वैज्ञानिकों को नई उम्मीद की किरण दिखी है. शुक्र ग्रह (Venus Planet) पर फॉस्फीन गैस मिलने से जीवन की उम्मीद बढ़ गई है. हालांकि अभी काफी शोध किया जाना बाकी है. वैज्ञानिकों के मुताबिक शुक्र पर 96 फीसदी कार्बन डाइऑक्साइड मौजूद है, लेकिन फॉस्फीन का मिलना असाधारण है.
फॉस्फीन गैस की मौजूदगी का पता चला
इस रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका (USA) के हवाई और चिली में लगे दो दूरबीनों से शुक्र ग्रह के बादलों में फॉस्फीन गैस की मौजूदगी का पता चला है. पृथ्वी पर फॉस्फीन गैस तब बनती है जब बैक्टीरिया ऑक्सीजन (Oxigen) की गैरमौजूदगी वाले वातावरण में उसे उत्सर्जित करते हैं. बैक्टीरिया जीवन का प्रमाण तो हैं. लेकिन वैज्ञानिक कहते हैं, कि सिर्फ फॉस्फीन गैस की मौजूदगी शुक्र ग्रह पर जीवन होने का 100% प्रमाण नहीं है.
शुक्र ग्रह है बेहद अलग
शुक्र को बाइबिल में नर्क कहा गया है. शुक्र ग्रह पर मौजूद जानकारी के मुताबिक वहां के वातावरण में 96% कार्बन डाइऑक्साइड है. शुक्र का तापमान 400 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा है, यानी उतना तापमान जितने पर अवन में पिज्जा पकता है. इसीलिए अगर आपने शुक्र ग्रह पर पैर रखा तो कुछ ही सेकेंड में आप उबलने लगेंगे. ऐसे में अगर शुक्र पर जीवन होता भी है तो वो हम 50 किलोमीटर ऊपर मिलने की ही उम्मीद कर सकते हैं.
नेचर एस्ट्रानॉमी में प्रकाशित हुई रिपोर्ट
शुक्र ग्रह, जहां जिंदगी को जला देने वाले तापमान 800 डिग्री फारेनहाइट की गर्मी रहती है, जहां जीवन खत्म कर देने वाली जहरीली गैसें वायुमंडल में हैं, जहां गर्म लावे की नदियां बहती हैं. उसी शुक्र गृह को लेकर वैज्ञानिकों ने जीवन की खुशखबरी दी है. सौरमंडल पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों की टीम की रिसर्च विज्ञान पर आधारित पत्रिका ‘नेचर एस्ट्रानॉमी’ (Nature Astronomy) में प्रकाशित हुई है.
शुक्र पर जीवन की संभावनाओं पर हो विचार
ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक एलन डफी ने इस खोज पर कहा कि यह पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह पर जीवन की मौजूदगी होने का सबसे रोमांचक संकेत है और जिस तरह दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावनाएं ढूंढी जा रही हैं, उसी तरह शुक्र पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए.
इसरो भेजने जा रहा है शुक्रयान
तो शुक्र ग्रह पर ये गैस क्यों है और वो भी ग्रह की सतह से 50 किलोमीटर ऊपर? वैज्ञानिकों के सामने ये सबसे बड़ा सवाल है जिसका जवाब ढूंढने की कोशिश की जा रही है. भारत की स्पेस एजेंसी इसरो भी शुक्रयान 1 भेजने की तैयारियां कर रहा है, ताकि वहां जीवन और वातावरण को लेकर महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाई जा सकें.