रूसी तेल खरीद को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी। उन्होंने यह भी कहा था कि “आठ घंटे में देखिए और क्या-क्या होता है,” जिससे भारत पर और प्रतिबंध लगने की आशंका बढ़ गई थी। हालांकि, 40 घंटे से ज़्यादा बीत जाने के बाद भी ट्रंप ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस अचानक चुप्पी के पीछे कई अहम घटनाएँ हो सकती हैं:
अजीत डोभाल और व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान दोनों के बीच महत्वपूर्ण रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई, जिससे अमेरिका पर दबाव बढ़ा होगा। * प्रधानमंत्री मोदी का चीन दौरा: प्रधानमंत्री मोदी ने चीन दौरे का ऐलान किया, जिससे यह संकेत मिला कि भारत अपनी विदेश नीति में स्वतंत्र है और किसी भी देश के दबाव में नहीं आएगा।
पुतिन और मोदी की टेलीफोन पर बातचीत: पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत ने भी स्थिति को प्रभावित किया। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं ने मिलकर इस मुद्दे पर एक साझा रणनीति बनाई होगी। * ब्राजील के राष्ट्रपति का फोन: ब्राजील के राष्ट्रपति लुला डी सिल्वा ने भी प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया। ब्रिक्स (BRICS) देशों के बीच आपसी सहयोग को देखते हुए, यह भी एक बड़ा कारण हो सकता है कि अमेरिका ने फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की है।
इन घटनाओं से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिका, भारत के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई करने से पहले कई बार सोचेगा, क्योंकि भारत ने अपने रणनीतिक संबंधों को मजबूत करके अमेरिका को यह दिखा दिया है कि वह एक स्वतंत्र और शक्तिशाली राष्ट्र है।


