पिछले 6 माह में 500 से अधिक प्रकरण दर्ज 7 हजार से अधिक गौवंश कराए मुक्त1000 से अधिक आरोपी गिरफ्तार एवं 300 से अधिक वाहन जप्त सिवनी जिले में गौवध करने वाले सभी आरोपी गिरफ्तार
भोपाल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर राज्य में गौवंश के वध और खुले में मांस की बिक्री व अवैध परिवहन पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में मध्यप्रदेश पुलिस तत्परता से कार्रवाई कर रही है। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर प्रत्येक जिले में पुलिस ने अपने खुफिया तंत्र को सक्रिय किया और निगरानी स्वरूप परिवहन मार्ग चिन्हित कर त्वरित कार्यवाही की, जिसके उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त हुए हैं। पुलिस ने विगत 6 माह में गौवंश का अवैध परिवहन करने के 500 से अधिक प्रकरण दर्ज किए हैं। 1 हजार से भी अधिक आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। गौवंश का वध करने नागपुर से सिवनी आए थे आरोपी……पुलिस ने सिवनी जिले में अलग-अलग थाना क्षेत्रों में गौवंश का वध करने वाले सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सिवनी जिले में गौवंश का वध करने की साजिश महाराष्ट्र के नागपुर में रची गई थी। गौवंश का वध करने के लिए आरोपियों को पैसे का लालच दिया गया था। इसमें स्थानीय लोगों की भी संलिप्तता पाई गई है। घटना के बाद अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने अलग-अलग टीमों का गठन किया। पुलिस मुख्यालय भोपाल से भी मामले की लगातार माॅनीटरिंग की जा रही थी, ताकि साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के लिए इस तरह के अमानवीय जघन्य अपराध को कारित करने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी शीघ्र हो सके। पुलिस कर रही सख्त कार्रवाई……मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा पदभार ग्रहण करने के पश्चात दिसंबर 2023 में पुलिस मुख्यालय में आयोजित बैठक के दौरान पुलिस को प्रदेश में गौवंश के अवैध परिवहन पर कठोरता से कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे। इन्हीं निर्देशों के तारतम्य में पुलिस ने विगत 6 माह में अवैध गौवंश से संबंधित कुल 575 प्रकरण पंजीबद्ध किए हैं। इन प्रकरणों में 1121 अपराधियों को गिरफ़्तार कर 7524 गौवंश की मुक्ति कराई जा चुकी है। इस कार्यवाही में अब तक अवैध रूप से परिवहन कर रहे 342 वाहन भी जप्त किए जा चुके हैं। गौवंश का अवैध परिवहन करने वालों के घर पर चला बुलडोजरगौवंश का अवैध परिवहन और गौवध करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। पुलिस के सहयोग से प्रशासन द्वारा आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। रतलाम जिले के जावरा में मंदिर में गौवंश के अवशेष फेंकने वाले चार आरोपियों के घर ढहाए जा चुके हैं। इसी तरह सिवनी जिले में गौवध करने वाले तीन आरोपियों के चार घरों पर भी बुलडोजर चलाया जा चुका है। मुरैना के नूराबाद में गौवंश की हत्या करने के मामले में आरोपियों के दो मकान जमीदोज किए गए थे। प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में पुलिस रख रही विशेष नजर……पुलिस को अवैध परिवहन पर गोपनीय स्तर पर निगाह रखना आवश्यक था। इसलिए पुलिस मुख्यालय ने विगत 10 वर्षों के गौवंश के अवैध परिवहन के ट्रेंड और रूट्स का गहन विश्लेषण कर कार्ययोजना तैयार की। जिसके आधार पर पुलिस को यह स्पष्ट हुआ कि मप्र के दक्षिण व पश्चिम के सीमावर्ती जिले जैसे बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, उज्जैन, रतलाम, नीमच आदि जिले गौवंश के अवैध परिवहन से सर्वाधिक प्रभावित हैं । इन सभी क्षेत्रों में पुलिस तत्परता से ध्यान पूर्वक लगातार कार्यवाही कर रही है। यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि कई बार गौवंश का अवैध परिवहन करने वाले अपराधी मुख्य मार्गों से हटकर जंगल व गांव के कच्चे रास्ते से गौवंश निकालने का प्रयास करते हैं इस ओर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है तथा कई प्रकरणों में आरोपी इन स्थानों से पकड़े गये हैं।गौवंश का अवैध परिवहन रोकने के लिए विशेष अभियान ……ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा 11 जून 2024 को प्रदेश के सभी कलेक्टर एवं एसपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान गौवंश के अवैध परिवहन पर विशेष कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया था। इन निर्देशों के परिपालन में पुलिस द्वारा विगत सप्ताह 13 से 20 जून 2024 तक पूरे प्रदेश में विशेष अभियान चलाकर गौवंश के अवैध परिवहन पर कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की गई। इस अभियान के दौरान पूरे प्रदेश में 70 प्रकरण गौवंश के अवैध परिवहन के दर्ज किए।गए। इसमें 124 आरोपियों पर कार्यवाही कर 38 वाहन जप्त किए गए तथा 528 पशु मुक्त कराए गए। मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत मध्यप्रदेश में गौमांस एवं गौवंश के अवैध परिवहन पर प्रतिबंध लगा हुआ है। अधिनियम में गौमांस एवं गौवंश को परिभाषित करते हुए उनके वध एवं अवैध परिवहन पर रोक लगाई गई है। इसी प्रकार से मध्यप्रदेश कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम के अंतर्गत भी गौवंश के वध पर प्रतिबंध है। पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम भी इसी प्रकार किसी भी पशु को पीटने, अत्यधिक सवारी करने, बोझा लादने व किसी भी प्रकार की पीड़ा या यातना देने पर रोक लगाता है। विगत दिनों उपरोक्त अधिनियम के प्रावधानों के संबंध में जिले के अधिकारियों को विशेष रूप से अवगत कराया गया एवं प्रशिक्षित किया गया।