Wednesday, June 25, 2025
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राहुल गांधी की सदस्यता गंवाने पर पूरे एमपी में विरोध, सीएम शिवराज बोले- राहुल खुद एक समस्या हैं


भोपाल। कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी सदस्यता रद्द किये जाने का विरोध तेज हो गया है। मध्य प्रदेश के सभी जिलों में कांग्रेसी नेता अलग-अलग तरीके से विरोध कर रहे हैं। भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के सामने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने मुंह पर काल पट्टी, ताला लगाकर धरना दिया। प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस प्रवक्ता दीप्ति सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की तानाशाह सरकार विपक्ष पर ताला लगाकर रखना चाहती है। उधर, सिवनी जिले में प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ता उग्र हो गए, इस दौरान पुलिस ने वाटर कैनन चलाकर बलपूर्वक प्रदर्शन को रोक दिया। खंडवा में भाजपा दफ्तर का घेराव करने पहुंचे कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

सीएम शिवराज ने कहा- तब क्यों नहीं लगाया ताला

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदर्शन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल जी आपने ये ताला तब क्यों नहीं लगाया जब आप बेमतलब की बातें करते थे। राहुल जी आपने ओबीसी वर्ग का अपमान किया है। क्या पिछले वर्ग का होना पाप है। आप अपने आप को राजा महाराजा से कम नहीं समझते है। आपने तो अध्यादेश फाड़कर मनमोहन सिंह का अपमान किया गया था। आपने मंदिर जाने वालों को लेकर विवादित बात कही थी। कांग्रेस आज देश की समस्या है और कांग्रेस की समस्या राहुल गांधी है।

पुलिस से भिड़ गए गांव वाले, सरपंच के विरोध में ग्रामीणों ने पंचों को बनाया बंधक

रायपुर, ब्यूरो। छत्तीसगढ़ के धमतरी में पुलिस को गांव वालों का दुख भंजन बनना पड़ा है। ग्रामीणों ने सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पंचों का सहारा लिया, लेकिन वह प्रस्ताव ध्वस्त हो गया। ग्रामीण बौखला गए। इसके बाद उन्होंने पंचों को बंधक बना लिया। कुछ लोगों ने जब यह खबर पुलिस को दी तो भारी संख्या में वहां पुलिस बल पहुंचा। पुलिस ने बस को ही घेर लिया। मामला अर्जुनी थाना इलाके के ग्राम परेवाडीह का बताया जा रहा है। इसके बाद मौके पर डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार ,डीएसपी सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। आपको बता दें कि गांव में कॉलेज बनाने जमीन आवंटन करने का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं।

गांधी जी का दुष्प्रचार, मध्य प्रदेश के पत्रकार डॉ. राकेश पाठक ने उप राज्यपाल को भेजा नोटिस

ग्वालियर, ब्यूरो। पत्रकार और गांधीवादी कार्यकर्ता डॉ राकेश पाठक ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में मिथ्यावाचन करने पर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि सिन्हा सात दिन में अपने बयान पर लिखित में सार्वजनिक माफ़ी मांगें अन्यथा अदालती कार्यवाही के लिए कदम उठाया जाएगा। गत 23 मार्च को ग्वालियर के आईटीएम विश्वविद्यालय में डॉ राम मनोहर लोहिया स्मृति व्याख्यान में मनोज सिन्हा ने अपने उद्बोधन में कहा था कि शायद कम लोगों को मालूम है..देश में अनेक पढ़े लिखे लोगों को यह भ्रांति है कि गांधी जी के पास लॉ डिग्री थी, गांधी जी के पास कोई डिग्री नहीं थी। नोटिस में कहा गया है कि मनोज सिन्हा का बयान पूरी तरह मिथ्या है और गांधी जी की शैक्षणिक योग्यता को धूमिल करने और मृत्यु उपरांत उन्हें अपमानित करने की गरज से दिया गया है। सोशल मीडिया पर उनके बयान के वायरल होने के कारण देश दुनिया में गांधी जी की छवि धूमिल हुई है। डॉ पाठक ने कहा है कि न केवल वे बल्कि जो लाखों, करोड़ों लोग महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित हैं, वे सब इस बयान से आहत हुए हैं। डॉ पाठक की ओर से उनके वकील भूपेंद्र सिंह चौहान, पंकज सक्सेना ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को राजभवन, जम्मू कश्मीर के पते पर रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजा है। राजभवन के आधिकारिक ईमेल पर भी नोटिस प्रेषित कर दिया गया है। नोटिस की प्रतिलिपि उपराज्यपाल की नियोक्ता राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू को भी संलग्न की गई है।

अनूठी सजा: चिटफंड घोटाला करने वाले सांई प्रसाद कंपनी के चेयरमेन को 250 साल की सजा

चेयरमेन के बाला साहब भापकर दाएं से दूसरे नंबर पर खड़े हैं

सीहोर, ब्यूरो। सीहोर जिला अदालत द्वारा दिया गया एक फैसला इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। कोर्ट ने धोखाधड़ी के मामले में न्यायालय ने आरोपियों को अलग-अलग मामलों में अलग-अलग सजा देते हुए 250 साल के कारावास की सजा सुनाई है। जी हां, ढाई सौ साल की सजा। जिला अभियोजन अधिकारी प्रमोद अहिरवार ने बताया कि न्यायालय संजय कुमार शाही, विशेष न्याायालय में निर्णय पारित किया। कोर्ट ने साई प्रसाद कंपनी के चेयरमेन के बाला साहब भापकर के साथ-साथ कंपनी के सीहोर शाखा के कर्मचारी दीपसिंह वर्मा पिता गंगाधर वर्मा नि. ग्राम लसूडिय़ा परिहार, लखनलाल वर्मा पिता देवीलाल वर्मा नि. ग्राम खैरी, जितेन्द्रि कुमार पिता रामचरण वर्मा नि. ग्राम काकडखेड़ा, राजेश पिता भगवत परमार, बाला साहब भापकर पिता केशवराव भापकर निवासी पुणे महाराष्टा को दोषसिद्ध किया गया।

अभियुक्त दीप सिंह वर्मा, राजेश उर्फ चेतनारायण परमार, लखन लाल वर्मा, जितेन्द्र कुमार वर्मा एवं बाला साहब भापकर ने 17 नवम्बर 2009 से लेकर 13 मार्च 2016 की अवधि में आपस में मिलीभगत करके एवं षडयंत्र करके सांई प्रसाद प्रापर्टी क0 लि0 का अपने आपको चेयरमेन/डायरेक्टर/सी.एम.डी./एजेन्ट बताकर सीहोर जिले के आस पास के गांव के निवेशकों को साई प्रसाद कंपनी में पैसा 5 साल में दुगना हो जाने आश्वासन देते हुए एवं भरोसा दिलाते हुए निवेशकों से पैसा जमा कराया गया लेकिन उक्त क पनी द्वारा निवेशकों के द्वारा जमा की गई। निवेशकों को दी गई पॉलिसी परिपक्वता पूर्ण होने पर साई प्रसाद कंपनी के सीहोर स्थित कार्यालय में संपर्क किया गया तब पाया कि कम्पनी के कार्यालय पर ताले लगे थे। निवेशकों द्वारा आरोपी से संपर्क करने उनके द्वारा आश्वासन दिया किया उनका पैसा मिल जाएगा। जब निवेशको को उनका पैसा नहीं प्राप्त हुआ तो थाना कोतवाली में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जिस पर से आरोपी दीपसिंह, जितेन्द्र कुमार, लखनलाल वर्मा, राजेश उर्फ चेतनारायण परमार के विरूद्ध धारा 420 के अंतर्गत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान कंपनी के डायरेक्टनर बाला साहब भापकर विवेचना अधिकारी सउनि. सी.एल. रायकवार एवं सउनि महताब वास्केयल के द्वारा प्रकरण का अनुसंधान किया गया एवं सम्पूर्ण अनुसंधान उपरांत समस्त आरोपी के विरूद्ध धारा 420, 409, 120-बी भादिव, धारा 6 म.प्र. निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के अंतर्गत अभियोग-पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

राहुल गांधी के पक्ष में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में भारी हंगामा, सड़क से लेकर पटरी तक प्रदर्शन

भोपाल/रायपुर, ब्यूरो। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता रद्द होने के बाद पूरे प्रदेश में कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग शहरों में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के द्वारा अलग अलग तरीके से प्रदर्शन जारी हैं।
राजधानी भोपाल में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने रानी कमलापति स्टेशन पहुंचकर ट्रेन को रोक दिया।
मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ता पटेल ऊपर बैठ गए और कुछ कार्यकर्ता इंजन में भी चढ़कर नारेबाजी करने लगे। वही वहीं एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे के नेतृत्व में भी युवा कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली और मशाल जलाकर राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने के प्रति विरोध जताया।
कमलनाथ ने बयान जारी करके कहा है कि पूरी कांग्रेस राहुल गांधी के लिए सड़क पर है। नरेंद्र मोदी सरकार ने राहुल गांधी के खिलाफ षड्यंत्र करने में सारी हदें पार कर दी हैं। जिस तरह से उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द की गई है, उससे स्पष्ट है कि मोदी सरकार राहुल गांधी से भयभीत है। कमलनाथ ने सवाल किया कि सरकार उनके उठाए सवालों का जवाब देने के बजाय उन्हें लोकसभा से दूर करने का रास्ता तलाश रही थी।
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करके केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जैसी भाजपा संघ मोदी जी की सरकार से उम्मीद थी मोदी अदाणी संबंधों पर वे राहुल जी को संसद में बोलने नहीं देंगे। वही हुआ। राहुल जी के 4 साल पुराने बयान पर उनकी संसद की सदस्यता समाप्त कर दी। लोकतंत्र के मंदिर में नहीं बोलने दोगे तो जनता की अदालत में जाएंगे। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने ट्वीट करते हुए कहा कि आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुख और पीड़ा का दिन है। राहुल गांधी पर झूठे मुकदमे लगाकर, न्यायपालिका पर दवाब डालकर उन्हें 2 साल की सजा कराई गई।
देश की वाणिज्यिक राजधानी इंदौर में भी विरोध के स्वर उठे हैं जिला कांग्रेस कमेटी इंदौर के नेताओं ने भी सड़क में रैली निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ केंद्र सरकार के विरोध में काले गुब्बारे आसमान में उड़ा कर विरोध प्रदर्शित किया।

छत्तीसगढ़ में उग्र हुआ प्रदर्शन

उधर, छत्तीसगढ़ में भी विरोध प्रदर्शन उग्र रूप ले चुका है। राजधानी रायपुर के भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता पहुंचे। जहां, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पोस्टर पर कांग्रेसियों ने कालिख पोत दिया। इस दौरान भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच में झड़प हो गई। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि।बीजेपी राहुल गांधी को डराना चाहते हैं।।राहुल गांधी पूरे देश के लोगों को कहते हैं कि डरो मत।उसे डराने की कोशिश की जा रही है।
यही भूल जनता पार्टी के लोगों ने इंदिरा गांधी के साथ किया था।।इंदिरा गांधी की भी सदस्यता रद्द की गई थी।।इतिहास दोहरा रहा है।इससे हम डरने वाले नहीं हैं हम जनता की अदालत में जाएंगे, जनता के लिए लड़ेंगे।
उधर कांग्रेस के कार्यालय राजीव भवन में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेसियों से बदला लेने के लिए कांग्रेस भवन में पथराव कर दिया।

हीरक जयंती समारोह 2023 में शामिल हुए सीएम भूपेश बघेल

रायपुर, ब्यूरो। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल शासकीय नगार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय रायपुर के ‘हीरक जयंती समारोह 2023’ में शामिल होने पंडित दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम पहुंचे। मुख्यमंत्री ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर समारोह का शुभारंभ किया। समारोह के प्रारंभ में कॉलेज की छात्राओं ने राज्य गीत अरपा पैरी के धार…..का गायन किया। कार्यक्रम में राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, पदम श्री डॉ ए टी के दाबके, वर्ष 1948 कॉलेज के प्रथम बैच के छात्र डॉ आर एस गुप्ता, श्री विद्या भूषण शुक्ला, श्री अंजय शुक्ल, कॉलेज के प्राचार्य डॉ पी सी चौबे भी उपस्थित हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शासकीय नगार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय रायपुर को श्छत्तीसगढ़ इंस्टिट्यूट ऑफ साइंसश् के रूप में विकसित करने की घोषणा की। मुुख्यमंत्री ने हीरक जयंती समारोह में अपने कॉलेज के जमाने के सहपाठियों को याद करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित साथियों के नाम पुकारे और उनसे जुड़े रोचक संस्मरण सुना। उन्होंने महाविद्यालय के वर्तमान छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि देश और प्रदेश को आप से बड़ी उम्मीदें हैं, आप हमसे भी ज्यादा ऊंचाइयां छुएं, इस महाविद्यालय के छात्रों ने हर क्षेत्र में श्रेष्ठ स्थान हासिल किया है, कॉलेज में बिताया समय जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण समय होता है। इसी दौरान हम अपने अपने सपनों को बुनते हैं, उन्हें पूरा करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कॉलेज के भूतपूर्व और वर्तमान छात्रों को महाविद्यालय की हीरक जयंती की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आज जिस ऑडिटोरियम में समारोह आयोजित हो रहा है, वह पंडित दीनदयाल जी के नाम पर है क्योंकि इसके लिए जमीन साइंस कालेज से दी गई थी, इसलिए ऑडिटोरियम के नाम में शासकीय नागार्जुन स्नात्तकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय का नाम भी जोड़ा जाएगा।

CM शिवराज ने 2 लाख से अधिक युवाओं को ₹2779 करोड़ का ऋण दिया

नीमच ब्यूरो। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नीमच जिले में आयोजित रोजगार दिवस एवं विभिन्न विकासकार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन किया। इस दौरान सीएम ने राज्य स्तरीय रोजगार दिवस समारोह में सहभागिता कर प्रदेश के 2 लाख से अधिक युवाओं को ₹2779 करोड़ का ऋण वितरण कर विभिन्न कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया। नीमच में ₹255.78 करोड़ की लागत से बनने वाले नवीन चिकित्सा महाविद्यालय तथा ₹1798.05 करोड़ लागत से गांधी सागर समूह जल प्रदाय क्रमांक 02 के शिलान्यास सहित विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन भी किया।

Sarkari Naukri : बंपर सरकारी भर्तियां : जल्दी करें आवेदन, कई विभागों में आई हैं नौकरी की बहार

Multicultural Business Meeting


मुंबई, ब्यूरो। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और सीआरपीएफ में नौकरियां निकलीं हैं। सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवा आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए विभाग की वेबसाइट देख सकते हैं।
हरियाणा सीईटी के लिए संक्षिप्त विज्ञापन सात मार्च को जारी किया गया था और अब अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। किसी भी पद के लिए आवेदन करने के लिए कोई आवेदन शुल्क लागू नहीं होगा। हालांकि, आवेदन करने के लिए आवश्यक न्यूनतम उम्मीदवार की आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 42 वर्ष है।
सीएसआईआर के केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान यानी सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट की ओर से 11 साइंटिस्ट ग्रेड-4 (2) के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। उपरोक्त भर्ती के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 29 मार्च, 2023 है। इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट बततपकवउ.हवअ.पद के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की इस भर्ती अभियान के तहत कुल 3120 स्नातकोत्तर शिक्षक, जिसमें नियमित (2,855) और बैकलॉग (265) रिक्तियों को को भरा जाएगा।इसके लिए चयनित उम्मीदवारों का वेतन मीट्रिक स्तर 8 (47,600-1,51,100 रुपये) है।
संघ लोक सेवा आयोग ने अपनी वेबसाइट नचेब.हवअ.पद पर संयुक्त रक्षा सेवा (ब्क्ै) परीक्षा-1, 2023 के लिए प्रवेश पत्र जारी कर दिया है।
झारखंड पीजीटी के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की आयु सीमा एक जनवरी, 2023 को 21-40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। साथ ही ऊपरी आयु में छूट सरकारी मानदंडों के अनुसार लागू है।
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स के 3000 से अधिक पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। इच्छुक उम्मीदवार इन पदों के लिए 5 अप्रैल 2023 से आधिकारिक वेबसाइट रेेब.दपब.पद पर आवेदन कर सकेंगे। आवेदन करने की आखिरी तारीख 4 मई 2023 तक है।

लड़की ने किया लड़के का रेप, मिली 10 साल की सजा

भोपाल, ब्यूरो. मध्य प्रदेश के इंदौर में पॉस्को एक्ट में पहली बार किसी युवती को सजा सुनाई गई है. स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में आरोपी युवती को 10 साल के कठोर कारावास और तीन हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है. युवती नाबालिग को न केवल बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गई थी, बल्कि जबरन शारीरिक संबंध भी बनाए थे. इस मामले में नाबालिग की आपबीती सुन पुलिस भी हैरान रह गई. इस मामले का फैसला सुनाते वक्त स्पेशल कोर्ट ने कहा कि ये जरूरी नहीं कि पॉस्को एक्ट में हमेशा पुरुष ही दोषी हो, महिला भी दोषी हो सकती है. जानकारी के मुताबिक, मामला शहर के बाणगंगा पुलिस थाने का है. 5 नवंबर 2018 को थाना क्षेत्र में रहने वाली एक महिला ने पुलिस थाने में पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी कि वो चूड़ी बनाने का काम करती है. 3 नवंबर 2018 की रात करीब 8 बजे उसका 15 साल का बेटा खीर के लिए दूध लेने गया था, लेकिन लौटा ही नहीं. आशंका है कि कोई अज्ञात व्यक्ति उसे बहला फुसलाकर अपने साथ भगाकर ले गया है. किशोर की मां की रिपोर्ट के पर पुलिस ने जांच शुरू की. कुछ दिनों बाद पुलिस को नाबालिग मिल गया. उसने पुलिस को बताया कि राजस्थान की रहने वाली 19 साल की लड़की उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ गुजरात ले गई थी. वहां उसने उसे टाइल्स फैक्ट्री में काम पर लगा दिया. इतना ही नहीं, लड़की ने कई बार उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए भी मजबूर किया. नाबालिग ने पुलिस से कहा, मैं अपने माता-पिता से बात न कर सकूं, इसलिए युवती ने मेरा मोबाइल भी अपने पास रख लिया था. पुलिस ने आरोपी युवती को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि इस युवती ने नाबालिग लड़के को फोन किया था कि मेरा घरवालों से झगड़ा हो गया, तुम मेरे साथ चलो. वो नाबालिग को बहला फुसलाकर गुजरात ले गई और उसे किसी कंपनी में काम पर लगा दिया. श्रीवास्तव ने बताया कि लड़की खुद किराए का मकान लेकर रहने लगी. इसके बाद लड़के के साथ जबदस्ती शारीरिक संबंध बनाए. इस बीच लड़के के घरवालों ने गुमशुदगी रिपोर्ट लिखाई और पुलिस ने जब तलाश की तो युवती पकड़ी गई. पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया. उन्होंने कहा कि यह पहला मामला है जब किसी महिला को पॉस्को एक्ट के तहत सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने पीड़ित किशोर को 50 हजार रुपये प्रतिकर राशि के रूप में दिलाए जाने की अनुशंसा भी की है. स्पेशल कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ये जरूरी नहीं कि पॉस्को एक्ट में हमेशा पुरुष ही दोषी हो, महिला भी दोषी हो सकती है.

#Rahul Gandhi की संसद सदस्यता खत्म, दो साल की सजा के कारण गंवाया पद

नई दिल्ली, ब्यूरो। 2004 से लेकर अब तक लागातार सांसद रहे राहुल गांधी अब सांसद नहीं रहे। कोर्ट द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद संसद ने उनकी सदस्यता खत्म कर दी है। आपको बता दें कि राहुल गांधी पहली बार 2004 में अमेठी से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद 2009 और 2014 में भी अमेठी से जीते। 2019 का चुनाव वह अमेठी में भाजपा की स्मृति इरानी से हार गए थे, लेकिन वे केरल के वायनाड से जीत गए थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई है।

वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय से पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी गई है। मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार को उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा। कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के केस में यह आदेश दिया था। इससे पहले कोर्ट का आखिरी फैसला आने तक विधायक या सांसद की सदस्यता खत्म नहीं करने का प्रावधान था। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, ‘चोरों का सरनेम मोदी है। सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो चाहे नरेंद्र मोदी।’ इसके बाद सूरत पश्चिम के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था। उनका कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे पूरे समाज को चोर कहा है और यह हमारे समाज की मानहानि है। इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे। आखिरी बार अक्टूबर 2021 की पेशी के दौरान उन्होंने खुद को निर्दाेष बताया था। उनके वकील के मुताबिक, श्राहुल ने कहा कि बयान देते वक्त मेरी मंशा गलत नहीं थी। मैंने तो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसी मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया। कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा और 15 हजार का जुर्माना भी लगाया। इसके कुछ देर बाद उसी कोर्ट ने उन्हें 30 दिन के लिए जमानत भी दे दी। मानहानि के मामले में 2 साल की जेल अधिकतम सजा है। यानी इससे ज्यादा इस मामले में सजा नहीं दी जा सकती है। राहुल गांधी के वकील बाबू मांगूकिया ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की कोर्ट ने राहुल गांधी को IPC की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया था। साथ ही उन्हें जमानत दे दी और 30 दिनों के लिए सजा को निलंबित कर दिया, ताकि उन्हें हाई कोर्ट में अपील करने का मौका मिल सके।

खुद का फाड़ा अध्यादेश बना समस्या की वजह

2013 में जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला कि सांसद/विधायक को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा मिलने पर उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म हो जाएगी। वो अगला चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का सबसे बड़ा प्रभाव लालू प्रसाद यादव पर पड़ सकता था, क्योंकि चारा घोटाले में फैसला आने वाला था। लालू की पार्टी उस वक्त मनमोहन सरकार का हिस्सा थी। ऐसे में मनमोहन सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एक अध्यादेश लाई, जिससे सुप्रीम कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी हो जाए। 24 सितंबर 2013 को कांग्रेस सरकार अध्यादेश की खूबियां बताने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। इसी बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी पहुंचकर कहा था, ‘ये अध्यादेश बकवास है और इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए।’ उन्होंने अध्यादेश की कॉपी को फाड़ दिया था। इसके बाद ये अध्यादेश वापस ले लिया जाता है।

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