कैंसर पीड़ित महिला कि अंतिम इच्छा पूरी की परिवार ने
धीरज चतुर्वेदी
शरीर नश्वर है, जो आया है उसे दुनिया से अलविदा होना कड़वा सच है। मृत्यु बाद आत्मा कि शांति के लिये कर्मकांड किये जाते है ताकि मोक्ष मिले.। तेहरवी भी इसी मोक्ष प्राप्ति का एक हिस्सा है।
मृत्यु बाद तो तेरहवी होना सुना होगा लेकिन मध्यप्रदेश के दमोह शहर में एक महिला कि इच्छा कि पूर्ति करते हुए उसके परिजनों ने तेरहवी कर दी। दिन भी वह चुना गया जिस दिन महिला के अवतरित होने के पूरे 60 वर्ष हो गये थे।
दमोह शहर कि सुरेका कालोनी में शरद गौतम कि 60 वर्षीय पत्नी विद्या गौतम कि जीवन रहते तेहरवी का आयोजन कौतूहल का विषय बना रहा.। शरद गौतम के अनुसार उनकी पत्नी विद्या गौतम पिछले छह वर्षो से कैंसर से पीड़ित है। पत्नी कि अंतिम इच्छा थी कि उनकी 60 वी वर्षगांठ पर उनकी जीवित अवस्था में तेरहवीं का कर्मकांड कर दिया जाये।
पत्नी कि इच्छा को पूरा करते हुए आज मंगलवार को पंडितजी के द्वारा गंगाजली पूजन कराया गया। बाकायदा 13 पंडितो को भोजन करवाकर उन्हें पद यानि बर्तन, चटाई इत्यादि वितरित किये गये। इस तेरहवीं में रिश्तेदारों और करीबियों को भी प्रसाद रूपी भोजन ग्रहण कराया गया। पूरे कर्मकांड कि वह महिला विद्या गौतम साक्षी बनी इसकी अंतिम इच्छा के लिये उनके जिन्दा रहते ही तेरहवीं की गई। रोचक है कि इस पूरे आयोजन का खर्च महिला कि बेटी प्रीति गौतम ने किया।

