- अपराध, रोहांसी में ग्रामीणों की शिकायत पर प्रशासन ने की कार्रवाई, अब पूरा परिवार क्वारैंटाइन
- तहसीलदार ने जांच में पाया कि बहुत सारे मरीज सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन कर रहे थे
दैनिक भास्कर
Apr 01, 2020, 01:15 PM IST
पलारी. कोरोना वायरस के संक्रमण के भय से लोग जहां सुरक्षा की दृष्टि से अपने घरों में कैद हैं वहीं लापरवाहियां भी कम नहीं हो रही हैं। ऐसे ही एक मामले में रोहांसी में एक झोलाछाप डॉ. का क्लीनिक पुलिस व प्रशासन ने सील कर दिया है जबकि उसके रशिया से लौटे बेटे सहित परिवार को 14 दिन तक होम आइसोलेशन में रखने का आदेश दिया है। कथित डा. असीम दाल खुद तो मरीजों को भर्ती कर क्लीनिक चला ही रहे थे, बल्कि रशिया से मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे बेटे को भी साथ में बैठा रहे थे। इस पर संक्रमण के भय से ग्रामीणों की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई। पलारी ब्लॉक के ग्राम रोहांसी में 14 दिन के आइसोलेशन का खुला उल्लंघन करने की शिकायत तहसीलदार इंदिरा मिश्रा से ग्रामीणों ने की थी। इसे लेकर वे रोहांसाी पहुंचीं तथा अवैध अस्पताल चला रहे झोलाछाप डॉक्टर असीम दास के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अवैध क्लीनिक को सील कर दिया।
झोलाछाप डॉ. के खिलाफ लगातार आ रही थीं शिकायते
तहसीलदार इंदिरा मिश्रा ने बताया कि झोलाछाप डॉ. के खिलाफ लगातार शिकायत आ रही थी कि उसका बेटा विदेश से लौटा है और वे लोग होम क्वारैंटाइन पालन नहीं कर रहे हैं। उसका बेटा भी क्लीनिक आ रहा था। जांच में पाया कि बहुत सारे मरीज सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन कर रहे थे। ज्ञात हो कि रोहांसी निवासी झोलाछाप डॉ. असीम दास का बेटा रशिया में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है तथा हाल ही में 17 मार्च को गांव लौटा है। इसी बीच कोरोना वाइरस के संक्रमण को महामारी घोषित करते हुए पूरे देश मे लॉकडाउन कर दिया तथा जो लोग विदेश से वापस आए हैं उन्हें 14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहने के सरकार के निर्देश हैं। इसका सीधा उल्लंघन करते हुए तथाकथित डॉ. दास रोज क्लीनिक खोल रहे थे तथा मरीजों का इलाज भी कर रहे थे। वे अपनी क्लीनिक में मरीज भी भर्ती कर रहे थे, जबकि वर्तमान में ऐसा करना सख्त मना है। इसके साथ ही वे अपने बेटे को क्लीनिक में बैठाकर उसे भी प्रशिक्षण दे रहे थे। इस संबंध में पलारी बीएमओ डॉ. एफआर निराला ने बताया कि असीम दास का नर्सिंग होम का पंजीयन नहीं है और न ही कोई आवेदन जिले में किया गया है । जब तहसीलदार ने आरोपी से क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र और डिग्री मांगी तो असीम दास कोई दस्तावेज नहीं दे सके। इस पर तहसीलदार ने अस्पताल को सील कर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिख दिया है।
40-50 मरीज थे क्लीनिक में, स्लाइन लगे 6 भाग नहीं सके
तहसीलदार मंगलवार दोपहर जब रोहांसी में उसके अस्पताल पहुंचीं तो अस्पातल का मुख्य दरवाजा बंद था और पीछे के दरवाजे से मरीज बुलाकर उपचार किया जा रहा था। उस वक्त अस्पताल में 40 से 50 मरीज थे जो तहसीलदार को अंदर आते देख एक-एक करके भाग निकले मगर 6 मरीज अलग कमरे में स्लाइन लगी होने के कारण भाग नहीं सके।
ये हैं नर्सिंग होम के नियम
1. क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टर के पास एमबीबीएस, बीएएमएस, आयुर्वेदिक चिकित्सा, यूनानी चिकित्सा की डिग्री होना चाहिए।
2. नर्सिंग होम एक्ट के तहत जिला व राज्य शासन से पंजीयन भी जरूरी
3. नियमों के तहत भवन की लंबाई चौड़ाई।
4. वेस्ट मटेरियल डिस्पोजल की व्यवस्था पानी बिजली लैब आदि मगर रोहांसी के इस तथाकथित डॉ. के पास कुछ भी नहीं मिला।
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