Wednesday, July 16, 2025
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भोपाल का नाम भोजपाल करें : जगद्गुरु रामभद्राचार्य

भोपाल, ब्यूरो। पद्म विभूषण जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने एक नई राग छेड़ दी है। भोपाल में राम कथा करने आए रामभद्राचार्य ने कथा के दौरान कहा कि मैं अगली बार भोपाल में रामकथा कहने नहीं आउंगा। सरकार भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल कर देगी, उसके बाद ही मैं दोबारा यहां की धरती पर कदम रखूंगा। गौरतलब है कि भेल दशहरा मैदान में नौ दिवसीय श्रीराम कथा चल रही है। यह 31 जनवरी तक चलेगी। रामभद्राचार्य ने अब तक 1360 राम कथा कर चुके हैं। अब भोपाल में हो रही यह कथा 1361वीं है। जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि राजा भोज नगरी के राजा भोज पालनहार थे। सरकार पहले ही होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुरम कर चुकी है। इलाहाबाद का नाम प्रयागराज हो चुका है। फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया गया है। ऐसे में भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल करने में क्या दिक्कत है? रामभद्राचार्य ने कहा कि मैं अपने अनुज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से विधानसभा चुनाव के पहले इसका नाम बदलने की बात कहूंगा। बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र शास्त्री रामभद्राचार्य के शिष्य हैं। वर्तमान में छिड़े विवाद के बारे में उन्होंने कहा कि मेरे शिष्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने सभी बातें मर्यादा और धर्म के अनुसार कही हैं। मैं स्वयं भी उनका शिष्य हूं। धीरेंद्र के खिलाफ गलब बयानी करने वालों के विरूद्ध मैं मानहानि का केस करूंगा। रामभद्राचार्य जी हिन्दू संत समाज में अग्रणी नाम हैं। वे धर्मचक्रवर्ती, तुलसीपीठ के संस्थापक हैं। केंद्र सरकार द्वारा उन्हें पद्मविभूषण सम्मान दिया गया है। रामभद्राचार्य ने सुप्रीम कोर्ट में रामलला के पक्ष में वेद पुराण के उद्धारण के साथ गवाही दी थी। दो महीने की उम्र में ही जगद्गुरु रामभद्राचार्य की आंखों की रोशनी चली गई थी। आज वे उन्हें 22 भाषा जानते हैं। 80 ग्रंथों की रचना कर चुके हैं।

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