मुरैना जिले की सबलगढ़ पुलिस ऐसी मनमौजी है, कि एसडीएम की कार्रवाई को भी झुठला देती है। बुधवार की देर रात एसडीएम वीरेंद्र कटारे ने थाने के पड़ोस में गांजे का कारोबार पकड़ा। मौके से गांजे की कुछ पुड़िया, तीन आरोपी , हजारों रुपये जब्त किए। जब आरोपी और माल-मशरूका पुलिस के हवाले हुआ तो पूरी कहानी ही बदल दी गई। हजारों रुपये और गांजे की पुड़ियाएं पुलिसकर्मी पचा गए और आरोपियों पर गांजे की चिलम फूंकने का केस बनाकर आरोपी छोड़ दिए। जब्ती में राख, कपड़े की जली हुई चिंदी और चिलम बताई है।
जानकारी के अनुसार बता दे कि , सबलगढ़ एसडीएम के पास शिकायत पहुंची, कि थाने से कुछ दूरी पर सरकारी नाले पर अतिक्रमण कर झोंपड़ी बनी हैं, जहां सट्टे का कारोबार चल रहा है। सूचना के बाद पुलिस टीम को लेकर एसडीएम मौके पर पहुंचे। यहां झोंपड़ी के अंदर बाल्टी में लगभग एक दर्जन गांजे की पुड़िया रखी मिलीं, पास ही 16200 रुपये , दो मोबाइल और पेटीएम का बारकोड मिला। बारकोड से आनलाइन भुगतान लेकर गांजा बेचा जाता है और सट्टे का पैसा भी लिया जाता था। इस मामले में एसआइ वीरसिंह जोनवार ने जो एफआइआर दर्ज की है, उसमें थाने के पड़ोस की जगह बीटीआइ कालेज गेट के पास कर दी गई। एसडीएम द्वारा पकड़े गए युवक मोनू उर्फ रंजीत कुशवाह , मोहन शाक्य , सचिन कुमार अग्रवाल पर पुलिस ने चिलम में गांजा भरकर पीने का केस दर्ज कर थाने से ही जमानत देकर छोड़ दिया। सबलगढ़ पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर कस्बे में चर्चा है, कि गांजा और सट्टे का यह अवैध कारोबार पुलिस संरक्षण में ही चल रहा था, सबलगढ़ पुलिस द्वारा की गई इस कार्यवाही से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है।
सबलगढ़ एसडीएम वीरेंद्र कटारे ने बताया कि मुझे बड़े स्तर पर सट्टा चलाने की सूचना मिली थी, मौके पर गांजे की पुड़ियाएं, हजाराें रुपये मिले, जो पुलिस को सौंप दिए। मौके पर हुई पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह उड़ीसा से गांजा लाकर यहां बेचते हैं। आरोपी व जब्ती का सामान पुलिस को सौंप दिया है ,
बाइट – वीरेंद्र कटारे एसडीएम सबलगढ़
बाइट – अरविन्द ठाकुर एएसपी मुरैना