नई दिल्ली:
दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज की छात्राओं से छेड़छाड़ के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता एमएल शर्मा से ये याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल करने को कहा है. शर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट में समय लग सकता है ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक सबूत या तो नष्ट हो सकते हैं या उनमे छेड़छाड़ हो सकती है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले हाईकोर्ट को ही मामला सुनना चाहिए. अगर वहां के आदेश पर आपको कोई असन्तोष रहता है तो हम उस आदेश के आलोक में आपको सुनेंगे. लेकिन पहले हाईकोर्ट ही जाएं! सुप्रीम कोर्ट में दाखिल इस जनहित याचिका में मांग की गई है कि मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराई जाए.
गार्गी कॉलेज में छात्राओं के साथ छेड़खानी मामले में 10 लोग गिरफ्तार
बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में ‘फेस्ट’ के दौरान छात्राओं के साथ हुई कथित छेड़खानी के मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि मामले की जांच करने और संदिग्धों की पहचान करने के लिए पुलिस की 11 से ज्यादा टीमें उपलब्ध तकनीकी ब्योरों का विश्लेषण कर रही हैं और एनसीआर में जगह-जगह तलाशी ले रही हैं.
गार्गी कॉलेज में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटना के तूल पकड़ने के बाद दर्ज हुई FIR
उन्होंने बताया कि कई लोगों से पूछताछ की जा रही है और विभिन्न संदिग्धों की पहचान की गई है. दिल्ली पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में 10 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी. गार्गी कॉलेज में छह फरवरी को आयोजित ‘रेविएरा’ फेस्ट में पुरुषों का एक समूह घुस आया और छात्राओं के साथ बदसलूकी की.
देखें Video: गार्गी कॉलेज में कल्चरल फेस्टिवल के दौरान छात्राओं के साथ हुई छेड़छाड़
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