यूपी के झांसी स्थित जिस अस्पताल के शिशु वार्ड (NICU) में 10 बच्चों की मौत हुई वहां मौत की खबर से परिजनों में कोहराम मचा था। हर तरफ सामान फैला पड़ा था। चारों ओर तीमारदारों की चप्पलें पड़ी थीं। विलाप कर रहे परिजनों को हर कोई संभालने का प्रयास कर रहा था।
वहां हादसा इससे कई गुना बड़ा भी हो सकता था. वहां मौजूद कृपराम 20 परिवारों के लिए मसीहा बनकर पहुंचे. उन्होंने खिड़की तोड़कर अंदर फंसे 20 नवजात बच्चों को अपने हाथों से उठाकर बाहर निकाला. कम से कम 40 बच्चों को NICU से रेस्क्यू किया गया. उन्होंने अस्पताल में आग लगने के बाद बढ़-चढ़कर अंदर फेंस बच्चों को बाहर निकालने के अभियान को चलाया. हालांकि उन्हें अबतक ये नहीं पता कि उसका खुद का बच्चा और बच्चे की मां कहां पर मौजूद है. कृपाल बताते हैं कि अस्पताल प्रशासन से वो बार-बार संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जा रही है…..
मेडिकल कॉलेज के (एनआईसीयू) वार्ड में रात लगभग 10.30 बजे तक सब कुछ सामान्य था। इसके महज 10 मिनट बाद ही वार्ड में जो कुछ हुआ उसने सभी के रौंगटे खड़े कर दिये। नवजात बच्चों का वार्ड आग की चपेट में आकर धू-धू कर जल रहा था। आग की लपटें वार्ड के बाहर से निकल रही थीं। थोड़ी ही देर में आग ने पूरे वार्ड को अपने आगोश में ले लिया था।…बच्चों को बचाने में झुलसा स्टाफआग लगने के बाद बच्चों को बचाने के लिये वार्ड में अफरा-तफरी मच गई। एनआईसीयू वार्ड में तैनात स्टाफ ने भी तत्परता दिखाते हुए वार्ड में भर्ती शिशुओं को किसी तरह बाहर निकाला। बताया गया कि बच्चों को बाहर निकालने में स्टाफ भी झुलस गया, जिन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया।
इधर, हादसे के बाद सीएम योगी ने हाईलेवल मीटिंग की। उन्होंने कमिश्नर और DIG को 12 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने के आदेश दिए। सुबह 5 बजे झांसी पहुंचे डिप्टी सीएम और हेल्थ मिनिस्टर ब्रजेश पाठक ने कहा- हादसे की 3 जांच होगी। पहली – स्वास्थ्य विभाग करेगा। दूसरी- पुलिस करेगी। तीसरी – मजिस्ट्रेट से जांच कराई जाएगी। अगर कोई चूक पाई जाती है, तो जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।