Friday, March 29, 2024
HomeUncategorizedUrine Tests for Diabetes: Diabetes के किन मरीजों को कराना चाहिए यूरिन...

Urine Tests for Diabetes: Diabetes के किन मरीजों को कराना चाहिए यूरिन टेस्ट, कब बजती है खतरे की घंटी?

डायबिटीज जैसी बीमारी से जूझने वाले मरीजों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। डायबिटीज के दौरान व्यक्ति का शरीर में या तो इंसुलिन का उत्पादन बंद हो जाता है, या फिर शरीर इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता है। ज्ञात हो कि डायबिटीज के दौरान रक्त शर्करा का स्तर बहुत तेजी से बढ़ने लगता है। वहीं टाइप 1 डायबिटीज के दौरान जब ऐसा होता है तो कोशिका को ग्लूकोज नहीं मिल रहा होता। जिसकी वजह से वह शरीर का फैट जलाने लगता है। इसी के कारण कीटोन्स नाम का एक रसायन पैदा होता है।

रसायन के पैदा होने की वजह से रक्त अधिक एसिडिक हो जाता है, इसके परिणाम स्वरूप व्यक्ति या तो कोमा में चला जाता है। या फिर उसकी मृत्यु हो जाती है। ऐसे में आपको बता दें कि यूरिन टेस्ट डायबिटीज के जांच के लिए नहीं होता बल्कि इसके जरिए कीटोन्स का स्तर पता चलता है। इसके अलावा कई बार शरीर में डायबिटीज की स्थिति की जांच करने के लिए भी यूरिन टेस्ट कराया जाता है।

डायबिटीज के किन मरीजों के लिए है यूरिन टेस्ट

डायबिटीज के मरीज के लिए यूरिन टेस्ट एक रूटीन चेकअप का हिस्सा भी हो सकता है। अगर इस जांच में ग्लूकोज और कीटोन्स मौजूद होते हैं, तो इसका मतलब होता है कि आपका शरीर इंसुलिन का उत्पादन सही प्रकार नहीं कर रहा है। यूरिन में दोनों के पाए जाने की वजह कुछ दवाइयां हो सकती हैं जो कुछ इस प्रकार हैं canagliflozin, empagliflozin.

ऐसे में अगर कोई व्यक्ति इन दवाओं का सेवन कर रहा है तो उसे ग्लूकोज लेवल यूरिन टेस्ट के जरिए नहीं देखना चाहिए। लेकिन वह कीटोन्स की जांच यूरिन टेस्ट के जरिए करा सकता है।

ब्लड शुगर लेवल तुरंत करवा लें चेक, अगर यूरिन के रंग में दिखे ये बदलाव

​ग्लूकोज स्तर की जांच कैसे होती है

आज से कुछ समय पहले तक डायबिटीज के मरीजों के शरीर में ग्लूकोज लेवल की जांच करने के लिए यूरिन टेस्ट कराया जाता था। लेकिन अब के समय में यूरिन टेस्ट की बजाय ब्‍लड टेस्ट कराया जाता है। ब्लड टेस्ट के जरिए परिणाम एक दम सटीक आते हैं।

​कीटोन्स की जांच किन्‍हें करानी पड़ती है

अगर आप टाइप 1 डायबिटीज की समस्या से पीड़ित हैं तो ही आपको यूरीन टेस्ट कराने की आवश्यकता होती है। इस जांच की आवश्यकता तब पड़ती है जब मरीज के अंदर कुछ लक्षण दिखाई दें। यह लक्षण कुछ इस प्रकार हैं।

  • ब्लड शुगर लेवल 300 mg/dl से अधिक होना
  • बीमार होना
  • डायबिटिक कीटोएसिडोसिस के लक्षण दिखना।
  • जी मिचलाना और उल्टी आना
  • उपचार के बावजूद ब्लड शुगर लेवल का उच्च स्तर पर बने रहना।
  • हमेशा थका हुआ महसूस करना
  • प्यास अधिक लगना या मुंह सुखते रहना।
  • बार बार पेशाब आना
  • मुंह से किसी तरह की स्मेल आना
  • अगर गर्भावस्था में डायबिटीज है
  • एक्सरसाइज करने की सोच रहे हैं और ब्लड शुगर लेवल हाई है।

​यूरिन टेस्ट से पहले क्या करें

अगर आप यूरिन टेस्ट कराने की सोच रहे हैं तो इससे पहले अधिक से अधिक पानी पीएं। इसके अलावा अगर आप किसी तरह की दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो डॉक्टर को इन दवाओं के बारे में जरूर बताएं। वरना इससे टेस्ट के परिणाम कुछ अलग हो सकते हैं। साथ ही आप डॉक्टर के ऑफिस जाकर भी यूरिन टेस्ट करा सकते हैं।

Diabetes पेशेंट हैं तो जानें कौन सा फल खाएं और कौन सा नहीं, नोट करें Dietitian की ये सलाह

यूरिन टेस्ट के परिणाम

एक स्वस्थ व्यक्ति के यूरिन में ग्लूकोज मौजूद नहीं होता। अगर आपके यूरिन टेस्ट में ग्लूकोज मौजूद हो तो इसके बारे में डॉक्टर से बात करें। हालांकि यह टेस्ट आपके वर्तमान के ग्लूकोज लेवल के बारे में नहीं बता सकता है। यह केवल यह बताता है कि आपके यूरिन में ग्लूकोज है या नहीं।

टाइप-1 डायबिटीज मरीजों में कीटोन्स की मात्रा अधिक

कीटोन्स आमतौर पर टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों में अधिक देखा जाता है। जबकि टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में यह कम ही देखने को मिलता है। नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक 0.6 मिलीमोल्स प्रति लीटर एक सामान्य परिणाम है। जबकि इससे अधिक होने पर व्यक्ति की स्थिति को तीन अलग – अलग हिस्सों में बाँटा गया है।

यूरिन में कीटोन्स की कितनी मात्रा है नॉर्मल?

अगर किसी व्यक्ति के यूरिन में 0.6 से लेकर 1.5 मिलीमोल्स कीटोन्स होता है तो यह स्थिति अधिक गंभीर नहीं होती। ऐसा होने पर आपको केवल अधिक पानी पीना होता है और फिर से जांच करानी होती है। साथ ही अगर ब्लड ग्लूकोज लेवल हाई है, तो आप एक्सरसाइज ना करें। इसके अलावा अपने सभी मील्स समय पर लें।

घर में है अगर कोई Type-2 diabetes का रोगी, तो फॉलो करवाएं ये डाइट प्‍लान; कंट्रोल रहेगा ब्‍लड शुगर

​कब होती है स्थिति अधिक गंभीर

अगर जांच में आपको कीटोन्स लेवल 1.6 से लेकर 3.0 मिलीमोल्स आया हो तो इस स्थिति को गंभीर से लेना चाहिए। साथ ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर जरूरी दवा का सेवन करें। कीटोन्स का यह स्तर बताता है कि आप डायबिटीज की स्थिति में लापरवाही बरत रहे हैं।

​इस वक्‍त आ सकती है आपातकालीन स्थिति

जांच में अगर कीटोन्स का स्तर 3.0 मिलीमोल्स से अधिक है तो यह स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर है। कीटोन्स का यह स्तर बताता है कि आप डायबिटिक कीटोएसिडोसिस से पीड़ित हैं। इस स्थिति में मेडिकल उपचार की तुरंत जरूरत है। यह स्तर आने पर आपको तुरंत आपातकालीन स्थिति के लिए जाना चाहिए। अगर यहां स्थिति को नियंत्रित ना किया गया, तो कोमा , मस्तिष्क में सूजन और व्यक्ति की मौत तक हो सकती है।

​उपचार का आखिरी चरण

अगर आपके यूरिन में कीटोन्स या ग्लूकोज पाया जाता है, तो डॉक्टर इस समस्या को समझने के लिए अन्य परीक्षण की सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा आपकी डाइट, एक्सरसाइज और दवा को भी बदला जा सकता है। ऐसे में अगर आपको टाइप 1 डायबिटीज है तो नियमित रूप से अपनी दवाओं का सेवन करें और अपनी जांच कराते रहें।


Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS