ताइपे: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) की कैबिनेट के वरिष्ठ सहयोगी अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स अजार (Alex Azar) अपने 3 दिवसीय दौरे पर ताइवान पहुंच गए हैं. आपको बता दें कि अमेरिका और ताइवान के बीच 1979 में औपचारिक द्विपक्षीय संबंध समाप्त होने के बाद, किसी अमेरिकी कैबिनेट मंत्री की यह पहली यात्रा है. जिसकी चीन ने कड़ी निंदा की है. अपनी तीन दिन की अधिकारिक यात्रा के दौरान अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री (Health Secretary) एलेक्स अजार, राष्ट्रपति टी साई वेन से मुलाकात (Tsai Ing-wen) से मुलाकात करेंगे, जो ताइवान की स्वायत्ता की वकालत करती हैं, और इसी वजह से चीन के नेता उन्हे पसंद नहीं करते.
विजिट की टाइमिंग
अजार की अधिकारिक यात्रा उस वक्त हुई है, जब दुनिया की 2 आर्थिक महाशक्तियों के बीच कड़वाहट चरम पर है. हाल ही में ट्रंप ने चीन के मशहूर वीडियो एप टिक-टॉक (TikTok) और मैसेजिंग सेवा ‘वी चैट’ (WeChat) पर प्रतिबंध का एलान किया था. वाशिंगटन (Washington) इस दौरे को कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिए अमेरिका और ताइवान के बीच सहयोग बढ़ाने के नजरिए से देख रहा है. वहीं अधिकारिक यात्रा से पहले अजार ने एक बयान में कहा, ‘ताइवान कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान और उससे पहले भी वैश्विक स्वास्थ्य के मामलों में सहयोग और पारदर्शिता की मिसाल रहा है.’
आग बबूला हुआ ड्रैगन
दरअसल, चीन ताइवान पर अपना दावा पेश करता आया है’. बीजिंग कह चुका है कि जरूरत पड़ने पर वो सैन्य दखल से ताइवान को अपने नियंत्रण में से लेगा. इसी वजह से भड़के चीन ने इस अमेरिकी दौरे को क्षेत्र की शांति और स्थायित्व के लिए खतरा बताया है. चीन के रक्षामंत्री ने वाशिंगटन को चेतावनी देते हुए कहा कि एक भी गलत कदम खतरनाक साबित हो सकता है.
अधिकारिक कार्यक्रम
अमेरिकी मंत्री अजार, राष्ट्रपति टीसाई (Tsai) से मुलाकात के अलावा अपने समकक्ष मंत्री चेन शाई-कुंग (Chen Shih-chung) और विदेशमंत्री जोसेफ वू (Joseph Wu) से भी मुलाकात करेंगे. वो इस दौरान कोरोना वायरस एक्सपर्ट्स से मुलाकात करेंगे, वहीं अपने मैराथन प्रवास में वो मेडिकल स्टूडेंट्स को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम के अलावा अजार अमेरिकी डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन सेंटर के बैनर तले एक ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल होंगे.
ताइवान की कामयाबी
चीन के एकदम करीबी क्षेत्रों में स्थित ताइवन, सीमा को लेकर अपनी सख्त नियंत्रण नीति की वजह से एक मिसाल बन कर उभरा है और कोरोना वायरस की महामारी पर काबू पाने में की गई उसकी कोशिशों की दुनिया में तारीफ हो रही है. सर पर मंडराते खतरे के बावजूद अब तक यहां संक्रमण के मामले 500 से कम रहे वहीं कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से इस देश में सिर्फ 7 मौतें हुई हैं. और ये बात अमेरिका के उस रिकॉर्ड से एकदम अलग है जहां कोरोना संक्रमण की वजह से 1 लाख 60 हजार से ज्यादा लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा.
इन मुद्दों पर तकरार
अमेरिका और चीन के बीच दक्षिण चीन सागर, व्यापार, प्रौद्योगिकी और कोरोना वायरस महामारी से निपटने के तरीके को लेकर पहले ही तनाव मौजूद है. ताइवान में अमेरिका के दूतावास के रूप में काम करने वाले चीन ताइवान और अमेरिका के बीच किसी भी प्रकार के आधिकारिक संपर्क का विरोध करता रहा है. वहीं हाल ही में दोनो देशों ने एक दूसरे के देश में मौजूद अपने वाणिज्यिक दूतावास खाली कराए हैं. हाल ही में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक चीन, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दखल की कोशिश कर रहा है.बीजिंग की दिलचस्पी ट्रंप के प्रतिद्वंदी जो बाइडेन में है.व्यापार और टैरिफ वार से पहले ही दोनो देशों के बीच हालात असामान्य स्तर तक बिगड़ चुके हैं. वहीं चीन अब अमेरिका के ताइवान को हथियारों की सप्लाई से खफा है, ट्रंप के कार्यकाल में ताइवान के साथ कई रक्षा सौदों को मंजूरी दी गई है, जिसमें F-16 फाइटर जेट्स की बिक्री भी शामिल है.