रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा संघर्ष, जिसमें हजारों सैनिक अपनी जान गंवा चुके हैं, ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाला है। लेकिन, इस दुखद युद्ध को कुछ देशों और कंपनियों ने पैसे कमाने के अवसर में बदल दिया है। इस संदर्भ में, अक्सर भारत और चीन जैसे देशों का उल्लेख किया जाता है, जिन्होंने रूस से रियायती दरों पर तेल खरीदकर अरबों डॉलर बचाए हैं। इसी कारण, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% का सख्त टैरिफ भी लगाया है।
लेकिन, यदि हम गहराई से देखें, तो इस युद्ध से सबसे ज्यादा फायदा अमेरिका ने उठाया है। यह फायदा सीधे तौर पर हथियार निर्माताओं को मिला है।
हथियारों के सौदे और अमेरिकी कंपनियों का लाभरूस-यूक्रेन युद्ध ने अमेरिकी रक्षा उद्योग के लिए बड़े अवसर पैदा किए हैं। यूक्रेन को सैन्य सहायता के रूप में अमेरिका ने बड़े पैमाने पर हथियार, मिसाइलें, टैंक और लड़ाकू जेट बेचे हैं। इन सौदों से अमेरिकी हथियार ठेकेदारों को भारी मुनाफा हुआ है।
बख्तरबंद वाहन: यूक्रेन को दी गई सैन्य सहायता में बड़ी संख्या में बख्तरबंद वाहन शामिल हैं, जिनका उत्पादन अमेरिकी कंपनियों द्वारा किया जाता है।
मिसाइलें और गोला-बारूद: यूक्रेन को लगातार मिसाइलें और गोला-बारूद मुहैया कराए जा रहे हैं, जिससे अमेरिकी रक्षा कंपनियों की आय में भारी वृद्धि हुई है।
लड़ाकू जेट: अमेरिका ने यूक्रेन को अत्याधुनिक लड़ाकू जेट भी बेचे हैं, जिससे उसकी सैन्य क्षमता बढ़ी है और साथ ही अमेरिकी हथियार उद्योग को भी बड़ा मुनाफा हुआ है।
यह समझना महत्वपूर्ण है कि युद्ध का आर्थिक लाभ केवल रियायती तेल खरीदने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हथियारों की बिक्री जैसे बड़े सौदों से भी जुड़ा है। इस दृष्टिकोण से, अमेरिका ने इस युद्ध से सबसे ज्यादा आर्थिक फायदा उठाया है।