- पी चिदंबरम का मोदी सरकार पर निशाना
- गरीबों के खाते में पैसे ट्रांसफर करने की मांग
- जरूरतमंदों को मुफ्त में अनाज देने की अपील
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने लॉकडाउन से पैदा हुए हालात को लेकर केंद्र सरकार पर जोरदार हमला किया है. चिदंबरम ने कहा है कि लोगों के पास पैसे खत्म हो गए हैं, मजबूरी में मुफ्त भोजन के लिए लोग कतारों में खड़े हो रहे हैं, लेकिन ये निष्ठुर सरकार सिर्फ देखने के अलावा कुछ नहीं कर सकती है.
सिलसिलेवार ट्वीट से सरकार पर हमला
पी चिदंबरम ने कहा कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि ज्यादातर लोगों के पास नगदी खत्म हो गई है और मुफ्त में पका हुआ भोजन लेने के लिए लोग कतारों में खड़े होने को मजबूर हैं. ऐसे वक्त में केवल एक निष्ठुर सरकार ही खड़े होकर देखने के अलावा कुछ नहीं करेगी.
77 मिलियन टन अनाज क्या करेगी सरकार
पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट किया, “क्यों नहीं सरकार उन्हें भूख से बचा सकती है और हर गरीब परिवार को कैश ट्रांसफर करके उनकी गरिमा की रक्षा कर सकती है? क्यों नहीं FCI के पास पड़े 77 मिलियन टन अनाज का एक छोटा सा हिस्सा उन परिवारों को मुफ्त में वितरित किया जा सकता है, जिन्हें अनाज की जरूरत है?
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कांग्रेस नेता ने कहा कि ये दोनों प्रश्न आर्थिक और नैतिक दोनों हैं. प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री दोनों सवालों का जवाब देने में विफल रहे हैं और देश असहाय होकर देख रहा है.
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सोनिया ने भी की है मुफ्त अनाज की मांग
बता दें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी नरेंद्र मोदी सरकार से मांग की है कि लॉकडाउन को देखते हुए सरकार जून नहीं बल्कि सितंबर तक लोगों को मुफ्त अनाज मुहैया कराए. सोनिया गांधी ने कहा है कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं है सरकार उन्हें भी अनाज दे.
13 अप्रैल को सोनिया गांधी ने कहा था कि कई ऐसे लोग है जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में नहीं आते हैं, ऐसे लोगों को प्रति व्यक्ति 10 अनाज के हिसाब से अगले 6 महीने तक मुफ्त अनाज दिया जाना चाहिए. सोनिया ने कहा कि कई ऐसे लोग हैं जिनके सामने भोजन की चिंता है, लेकिन उनके पास राशन कार्ड नहीं है. सरकार को इनकी चिंता करनी चाहिए.