Saturday, December 7, 2024
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निर्भया के गुनहगारः किसी के पिता फल विक्रेता, कोई था जिम ट्रेनर – Delhi nirbhaya rape case convicted hang punishment family fruit seller widow mother police crime

आखिरकार 7 साल 20 दिन बाद अदालत ने ये तय कर दिया कि निर्भया के चारों गुनहगारों को फांसी की सजा दी जाएगी. निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले 6 दरिंदे थे. जिनमें से एक ने जेल में आत्महत्या कर ली थी तो दूसरा नाबालिग होने की वजह से बच गया. पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले इस कांड को अंजाम देने वाले सभी गुनहगार लोअर मिडिल और लोअर क्लास फैमली से आते हैं. ये सभी दोषी अपने परिवारों के लिए आर्थिक संसाधन जुटाने के लिए काम करते थे. लेकिन इन्होंने उस रात ऐसी वारदात को अंजाम दिया कि किस्मत इन्हें वक्त से पहले मौत के दर पर ले आई.

मुलजिम मुकेश कुमार

दोषी मुकेश उस बस का ड्राइवर कम क्लीनर था, जिसमें निर्भया के साथ हद दर्जे की दरिंदगी को अंजाम दिया गया था. वारदात के दिन उसकी उम्र 30 साल थी. वो पार्ट टाइम के तौर पर बस ड्राइवर कम क्लीनर का काम करता था. वो मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला है, लेकिन वो अपने परिवार के साथ साउथ दिल्ली के रविदास कैंप में रहता था. उसका परिवार आज भी वहीं दो छोटे-छोटे कमरों में रहता है. पुलिस ने मुकेश को वारदात के अगले दिन यानी 17 दिसंबर 2012 को रविदास कैंप से गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में उसे सामूहिक बलात्कार, अप्राकृतिक यौनाचार, हमला, हत्या, आपराधिक साजिश का दोषी पाया गया है.

मुलजिम अक्षय ठाकुर

जिस बस में रातभर निर्भया के साथ अत्याचार किया गया, दोषी अक्षय उस बस का क्लीनर था. वो मूल रूप से बिहार के चंपारन का रहने वाला है. घटना के दिन उसकी उम्र 28 साल थी. वो भी साउथ दिल्ली के रविदास कैंप में रहता था. उसके माता-पिता बिहार में ही रहते हैं. वो ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है. वह वारदात से एक साल पहले ही रोजगार की तलाश में दिल्ली आया था. पुलिस ने अक्षय को 21 दिसंबर 2012 को बिहार के औरंगाबाद से गिरफ्तार किया था. निर्भयाकांड में उसे गैंग रेप, अप्राकृतिक यौनाचार, हमला, हत्या, आपराधिक साजिश का दोषी करार दिया गया है.

मुलजिम विनय शर्मा

दोषी विनय अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहता था. वारदात के वक्त उसकी उम्र 20 साल थी. वह मूल रूप से दिल्ली का ही रहने वाला है. उसके माता-पिता और बहन साउथ दिल्ली के रविदास कैंप में रहते हैं. पेशे वो एक जिम ट्रेनर था. जब उसने इस वारदात को अंजाम दिया था, तब वह दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए कर रहा था. पुलिस ने अक्षय शर्मा को वारदात के अगले दिन यानी 17 दिसंबर 2012 को रविदास कैंप से गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में उसे सामूहिक बलात्कार, अप्राकृतिक यौनाचार, हमला, हत्या, आपराधिक साजिश का दोषी पाया गया है.

मुलजिम पवन गुप्ता

दोषी पवन भी एक निम्न परिवार से आता है. पवन गुप्ता का परिवार भी दिल्ली में रहता है. वह मूल रूप से दिल्ली का ही रहने वाला है. उसके माता-पिता और एक छोटी बहन साउथ दिल्ली के रविदास कैंप में रहते हैं. वो ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है. पेशे से वह फल बेचने का काम करता था. उसके पिता भी उसी इलाके में दूसरी जगह पर फल बेचा करते थे. पुलिस ने पवन गुप्ता को घटना के अगले दिन यानी 17 दिसंबर 2012 को रविदास कैंप से गिरफ्तार किया था. इस मामले में उसे सामूहिक बलात्कार, अप्राकृतिक यौनाचार, हमला, हत्या, आपराधिक साजिश का दोषी करार दिया गया है.

मुलजिम राम सिंह

दोषी राम सिंह उसी बस का ड्राइवर था, जिसमें निर्भया के साथ हद दर्जे की दरिंदगी की गई थी. वारदात के वक्त उसकी उम्र 33 साल थी. वो मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला था. लेकिन वो अपने परिवार के साथ साउथ दिल्ली के रविदास कैंप में रहता था. उसका परिवार वहां एक छोटे से घर में रहता था. पुलिस ने राम सिंह को 17 दिसंबर 2012 को रविदास कैंप से गिरफ्तार किया था. इस मामले में उसे सामूहिक बलात्कार, अप्राकृतिक यौनाचार, हमला, हत्या, आपराधिक साजिश का दोषी पाया गया था. लेकिन राम सिंह ने 11 मार्च 2013 को तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी. हालांकि उसके परिवार ने इसे हत्या करार दिया था.

नाबालिग मुलजिम

देश को शर्मसार कर देने वाले इस जघन्य कांड में शामिल नाबालिग दोषी की उम्र वारदात के दिन 17 साल थी. यही बात उसके लिए वरदान साबित हुई. वह दिल्ली में परिवार के साथ रहता था. मूल रूप से वह उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. 11 साल की उम्र में वह अपना गांव छोड़कर दिल्ली आ गया था. यहां वो छोटे-मोटे काम करता रहा. वो अपने 6 भाई बहनों में सबसे बड़ा है. उसके पिता मानसिक रूप से विकृत हैं. इसलिए घरवालों ने उसे पैसा कमाने के लिए दिल्ली भेजा था ताकि वह अपने परिवार का पेट भर सके. लेकिन दिल्ली आने के बाद उसने अपने परिवार से संपर्क खत्म कर दिया था. अदालत के आदेश पर उसे बाल सुधार गृह में रखा गया और फिर उसे एक एनजीओ में दो साल रहने के लिए भेजा गया था. वहां से उसे कहीं दूर अज्ञात स्थान पर भेज दिया गया है.

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