Tuesday, July 1, 2025
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कन्हैया के खिलाफ राजद्रोह का केस चलाने की क्यों दी अनुमति? राघव चड्ढा ने बताया – Jnu kanhaiya kumar sedition case arvind kejriwal delhi assembly election congress

  • कहा- तीन साल बाद सौंपी गई थी 1500 पन्ने की रिपोर्ट
  • सरकारें हस्तक्षेप करेंगी तो ढह जाएगी कानून-व्यवस्था

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में कथित तौर पर लगे देश विरोधी नारे का मामला फिर चर्चा में आ गया है. दिल्ली सरकार ने साल 2016 के इस मामले में चार साल बाद जेएनयू छात्रसंघ के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. 28 फरवरी के इस फैसले का जहां भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया, वहीं कांग्रेस ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं.

दिल्ली सरकार ने कन्हैया के खिलाफ राजद्रोह का केस चलाने की अनुमति क्यों दी, क्या फैसले को चुनाव में नुकसान के डर से रोका गया था? आप नेता राघव चड्ढा ने आजतक से बात करते हुए ऐसे तमाम सवालों के जवाब दिए. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि एक गंभीर मसले में 1500 पन्ने की रिपोर्ट दिल्ली सरकार को सौंपी गई थी. दिल्ली सरकार के संबंधित विभाग ने पूरी रिपोर्ट पढ़कर फैसला लिया है.

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उन्होंने अपनी ही पार्टी के विधायकों के मामले में भी अनुमति दिए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस ने रिपोर्ट ही 3 साल के बाद सौंपी थी, जबकि ऐसे मामलों में 60 से 90 दिन ही लगते हैं. कांग्रेस कह रही है कि देशद्रोह का मामला कैसे चला सकते हैं? इस सवाल पर राघव ने कहा कि जब फाइल को अनुमति नहीं दे रहे थे, तब भी सवाल उठाए जा रहे थे और अब अनुमति दिए जाने के बाद भी सवाल उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम इस राजनीतिक विवाद में नहीं पड़ना चाहते. हमारे 67 में से 24 विधायकों पर फर्जी मुकदमे चलाए गए. अगर ऐसा होता, तो हम अपने विधायकों के खिलाफ मामले रोक लेते.

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अरविंद केजरीवाल ने तब कन्हैया का समर्थन भी किया था. क्या ये माना जाए कि आपका स्टैंड बदल गया है? इसके जवाब में राघव ने कन्हैया कुमार के भाषण की तारीफ की और कहा कि यहां किसी व्यक्ति विशेष की बात नहीं है. हमारी सरकार की नीति है कि कौन दोषी है या बेकसूर है, इसका फैसला न्यायपालिका करे. अगर मंत्री या बाबू फैसला करने लग गए तो रागद्वेष से फैसले होंगे. उन्होंने कहा कि अगर सरकारें हस्तक्षेप करेंगी तो इस देश की कानून-व्यवस्था ढह जाएगी.

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