https://www.biskitjunkiehouston.com/menu

https://www.menuhartlepool.com/

slot server jepang

Wednesday, December 24, 2025
HomestatesMadhya Pradeshकोरोना पर जीत से कम कुछ नहीं चाहिए

कोरोना पर जीत से कम कुछ नहीं चाहिए


कोरोना पर जीत से कम कुछ नहीं चाहिए – मुख्यमंत्री श्री चौहान


मेडिकल कॉलेज और जिला चिकित्सालयों का क्षमता संवर्धन आवश्यक
जागरूकता अभियान, लक्षणों की जल्द पहचान और सही देखभाल आवश्यकमुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना की स्थिति और व्यवस्थाओं की समीक्षा की
 


भोपाल : रविवार, अगस्त 9, 2020, 21:09 IST

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना पर जीत से कम कुछ नहीं चाहिए। प्रदेश में कोरोना की मृत्यु दर को न्यूनतम करने के लिए शासन, प्रशासन, चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ और जनसामान्य को साथ मिलकर काम करना होगा। कोरोना संभावित व्यक्तियों की जल्द पहचान तथा उन्हें तत्काल मेडिकल केयर उपलब्ध कराना ही बचाव एवं उपचार ही सर्वश्रेष्ठ उपाय है। इसके लिए प्रदेश में परीक्षण क्षमता बढ़ाना होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में प्रतिदिन 20 हजार टेस्ट की क्षमता विकसित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज वीडियो कान्फ्रेंस से कोरोना समीक्षा के दौरान संभागवार मृत्यु दर, उसके कारणों तथा बचाव की प्रभावी रणनीति पर विस्तार से विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने जागरूकता अभियान को विस्तार देने, होम आइसोलेशन को प्रोत्साहित करने और प्लाज्मा थैरेपी को बढ़ावा देने की आवश्यकता बतायी। वीडियो कान्फ्रेंस में सभी संभागायुक्त सहित मेडिकल कॉलेज के डीन, चिकित्सा विशेषज्ञों ने भाग लिया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान करेंगे प्लाज्मा डोनेट

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे भी कोरोना पॉजिटीव हो गये थे। उपचार के बाद पूर्ण स्वस्थ हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी बॉडी में कोरोना के एंटीवायरस डेवलप हो गये होंगे। प्लाज्मा थेरेपी के लिये वे शीघ्र ही प्लाजमा डोनेट करेंगे।

गंभीर मरीज अस्पताल में और सामान्य लक्षण वाले होम आइसोलेशन में रहें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना अब शहरों से कस्बों और कस्बों से गाँवों की ओर फैल रहा है। अत: इससे बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों पर जागरूकता अभियान चलाना होगा। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह को नगरीय क्षेत्रों में मास्क के उपयोग तथा सोशल डिस्टेंसिंग पर जागरूकता तथा इनका पालन सुनिश्चित कराने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज से लेकर जिला चिकित्सालयों तक की क्षमता में सुधार करना भी आवश्यक है। एम्बुलेंस सुविधा तथा गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों को तत्काल चिकित्सालय तक पहुंचाने में विलंब न हो, इस तथ्य का विशेष ध्यान रखा जाए। कोरोना मरीजों के उपचार संबंधी प्रोटोकॉल तथा गाइडलाइन पर जिला अस्पतालों का प्रशिक्षण आवश्यक है, जिसमें मेडिकल कॉलेज तथा एम्स जैसी संस्थाओं को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। श्री चौहान ने कहा कि अस्पतालों में गंभीर मरीजों का उपचार ठीक से हो, इसके लिए सामान्य लक्षण वाले मरीजों के होम आइसोलेशन को प्रोत्साहित करना चाहिए। इसमें रियल टाइम मॉनीटरिंग सुनिश्चित करने के लिए एप तथा अन्य आवश्यक साधनों का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। श्री चौहान ने कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग बढ़ाने और मास्क का शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिए।

संभाग स्तर पर होगी मीडिया ब्रीफिंग

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस समीक्षा का उद्देश्य चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टॉफ की कमियां निकालना नहीं है। वे हमारे कोरोना वारियर हैं उनका मनोबल तथा उत्साह बनाए रखना आवश्यक हैं। शीघ्र ही कोरोना वारियर्स के सम्मान के लिए कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कोरोना की स्थिति पर वास्तविक जानकारी जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से संभाग स्तर पर मीडिया ब्रीफिंग आयोजित करने के निर्देश भी दिए। वीडियो कान्फ्रेंस में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान ने जानकारी दी कि जनसामान्य में जागरूकता के लिए 15 अगस्त से ‘सहयोग से सुरक्षा अभियान’ आरंभ किया जाएगा।

जनसामान्य को नकारात्मकता से बचाना आवश्यक

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमणकाल में जनसामान्य को नकारात्मकता से बचाने की भी आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि लोग और विशेषकर संक्रमण से प्रभावित व्यक्ति अवसाद में न जाए। इसके लिए अस्पतालों में मनोरंजन, इनडोर गेम्स, संगीत, टेलीविजन, ध्यान व योग और प्रेरणादायी उद्बोधन आदि की व्यवस्था की जाए।

कॉल सेंटर बने मार्गदर्शन में सहायक

वीडियो कान्फ्रेंस में हुई संभागवार समीक्षा में संभागायुक्त तथा संबंधित चिकित्सा महाविद्यालय के डीन ने भाग लिया। इंदौर में जागरूकता तथा सर्वेक्षण की सहायता से प्रारंभिक लक्षणों की पहचान कर तत्काल इलाज आरंभ करने की रणनीति से स्थिति को नियंत्रित करने में मदद मिली है। इसके साथ ही प्रशासन तथा चिकित्सकों द्वारा प्रतिदिन प्रशासनिक समीक्षा और क्लीनिकल तथ्यों के आधार पर स्थिति की समीक्षा की जा रही है। इसी प्रकार भोपाल, जबलपुर, सागर, रीवा, ग्वालियर मेडिकल कॉलेज द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया। वीडियो कान्फ्रेंस में एम्स भोपाल के निदेशक ने कोरोना संभावित और संक्रमित व्यक्तियों के मार्गदर्शन के लिए प्रभावी कॉल सेंटर व्यवस्था विकसित करने की आवश्यकता बतायी।

कोरोना मरीजों को उपलब्ध हों मनोवैज्ञानिकों की सेवाएं

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग ने होम आइसोलेशन के संबंध में स्पष्ट गाइडलाइन जारी करने की आवश्यकता बतायी। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि जहाँ-जहाँ मनोवैज्ञानिक उपलब्ध हैं, वहां उनकी सेवाएं कोरोना मरीजों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित की जाएं। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस ने बताया कि आज की चर्चा के निष्कर्षों के आधार पर कोरोना के मरीजों के बचाव एवं उपचार संबंधी बनाई गई विस्तृत एडवाइजरी एवं गाइड लाइन सभी जिलों को जारी की जाएगी। वीडियो कान्फ्रेंस में डॉ. निशांत खरे, डॉ. लोकेन्द्र दवे तथा अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा भी सुझाव रखे गये।

कोरोना समीक्षा के मुख्य बिन्दु

  • डेथ ऑडिट के साथ-साथ ट्रीटमेंट ऑडिट सुनिश्चित होगा।

  • उपचार और व्यवस्था में सुधार की दृष्टि से गंभीर मरीजों की उपचार प्रक्रिया के अध्ययन के लिए विशेषज्ञ समूह का गठन।

  • जनसामान्य में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ कोरोना के खतरों की जानकारी देने पर फोकस।

  • कोरोना के लक्षणों का लगातार विस्तार हो रहा है, तदनुसार उपचार रणनीति विकसित करना।

  • लक्षणों के परीक्षण के लिए निश्चित चेकलिस्ट विकसित करना तथा समय-समय इसे अद्यतन करना।

  • संक्रमण नियंत्रण प्रोटोकॉल की निरंतर समीक्षा।

  • चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टॉफ को संक्रमण से बचाने के लिए प्रभावी उपाय सुनिश्चित करना।

  • कोरोना वार्ड के अनुवीक्षण का दायित्व वरिष्ठ चिकित्सकों को सौंपा जाए।

  • गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए चिकित्सकों की टीम आधारित एप्रोच क्रियान्वित हो।

  • कोरोना उपचार के अद्यतन प्रोटोकॉल के अनुसार पैरामेडिकल स्टॉफ का निरंतर प्रशिक्षण सुनिश्चित करना।

  • स्थानीय स्तर पर उपलब्ध चिकित्सकों तथा अन्य पैरामेडिकल को कोरोना संक्रमण की पहचान प्रक्रिया से जोड़ना।

  • संभावित तथा संक्रमितों को कोविड केयर सेंटर तथा डेडिकेटेड सेंटर में रैफर करने के लिए सरल व सुविधाजनक प्रोटोकॉल  सुनिश्चित करना।

  • थर्मल गन, पल्स ऑक्सीमीटर तथा अन्य परीक्षण उपकरणों की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित करना।

  • मेडिकल कॉलेज तथा एम्स को जिला चिकित्सालयों की मॉनीटरिंग का दायित्व।

  • 60 वर्ष से अधिक उम्र के अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के चिन्हांकन के लिए विशेष व्यवस्था।


पंकज मित्तल/संदीप कपूर


Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS

casino online slot depo 10k bonus new member slot bet 100 slot jepang

slot gacor

slot pusatwin

slot depo 10k

slot bet 200

pusatwin slot

slot thailand

slot bet 100

slot bet kecil

slot depo 10k

slot depo 10k

spaceman slot

slot777

slot depo 10k slot gacor slot depo 10k slot bet 100 slot777 slot depo 5k slot online slot server jepang scatter hitam