Thursday, April 18, 2024
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गंगाधर-लक्ष्मण ने 330 KM चलाई साइकिल, 2 महीने रहे क्वारंटाइन, अब पहुंचे नेपाल, lockdown dairies two migrant workers reached nepal in cycle traveling 300 km form Andra Pradesh Vijayawada | sukma – News in Hindi

गंगाधर-लक्ष्मण ने 330 KM चलाई साइकिल, 2 महीने रहे क्वारंटाइन, अब पहुंचे नेपाल

चेकअप के बाद मजदूरों को रवाना किया गया. (Demo Pic)

कोंटा एसडीएम हिमाचल साहू ने न्यूज 18 से चर्चा करते हुए बताया कि नेपाल के दो मजदूर (Migrant Workers) साइकिल से कोंटा पहुंचे थे. उस समय लॉकडाउन था, इसलिए उन मजदूरों को कोंटा में क्वारंटाइन किया गया.

सुकमा. आंध्र प्रदेश (Andra Pradesh) के विजयवाड़ा (Vijayawada) में मजदूरी करने के लिए नेपाल (Nepal) से पहुंचे गंगाधर और लक्ष्मण वापस अपने घर पहुंचे. गंगाधर और लक्ष्मण दो महीने पहले साइकिल से कोंटा पहुंचे थे. कोंटा पहुंचने पर दोनों को क्वारंटाइन (Quarantine) किया गया था. अब दो महीने बाद यूपी जा रहे मजदूरों के साथ इन्हें भी बस से अपने घर रवाना किया गया. वहां से आगे का सफर तय कर वो दोनों अब घर पहुंच चुके हैं. दोनों मजदूरों अब कोंटा प्रशासन को घर वापसी के लिए धन्यवाद दे रहे हैं.

दरअसल, कोरोना वायरस के कारण किए गए लॉकडाउन में सबसे ज्यादा प्रभावित प्रवासी मजदूर हो रहे हैं. कोंटा सीमा पर आए दिन सैकड़ों की संख्या में मजदूर पहुंच रहे हैं. ऐसे में नेपाल के लुम्बनी जिले के लक्ष्मण और गंगाधर काम के सिलसिले में वियजवाड़ा आए हुए थे. उन्हें पहुंचे कुछ ही दिन हुआ था तभी लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई और कामकाज बंद हो गया. ऐसे में दोनों युवकों ने साइकिल खरीद कर नेपाल जाने के लिए निकल पड़े.

दो महीने रहे क्वारंटाइन में

जब वो कोंटा पहुंचे तो यहां पर उन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया. करीब दो महीने तक दोनों युवक क्वारंटाइन रहे. इस दौरान उन्हें घर की याद सताने लगी. इसके बाद दोनों युवकों ने एक बार फिर से साइकिल पर घर निकले का सोचा, लेकिन प्रशासन ने उन्हें आश्वासन दिया कि किसी ना किसी माध्यम से उन्हें नेपाल सीमा तक भेजा जाएगा.

मजदूर अपने घर पहुंच चुके हैं.

6 दिन सफर कर पहुंचे नेपाल

कोंटा से कुछ मजदूर बस में सवार होकर उत्तर प्रदेश जा रहे थे. तब प्रशासन ने दोनों युवकों को बस से ही रवाना कर दिया. दोनों बनारस तक बस के जरिए पहुंचे. उसके बाद वहां से लोगों ने नेपाल तक पहुंचने में मदद की. अब युवकों का कहना है कि कोंटा प्रशासन ने हमें बहुत अच्छे से रखा. अगर क्वारंटाइन सेंटर में नहीं रखा जाता तो शायद घर भी नहीं पहुंच पाते. युवकों ने व्यवस्था को लेकर प्रशासन को धन्यवाद दिया है.

कोंटा एसडीएम हिमाचल साहू ने न्यूज 18 से चर्चा करते हुए बताया कि नेपाल के दो मजदूर साइकिल से कोंटा पहुंचे थे. उस समय लॉकडाउन था, इसलिए उन मजदूरों को कोंटा में क्वारंटाइन किया गया. दो महीने बाद शासन की गाइडलाइन के मुताबिक सभी को उनके घर भेजना था.  इसी कड़ी में यूपी बस भेजी जा रही थी. उसमें दोनों को स्वास्थ्य जांच के बाद भेज दिया गया था. इस बात की खुशी है कि दोनों अपने घर सहकुशल पहुंच गए हैं.

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First published: May 27, 2020, 11:46 AM IST




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