कोबरा के जवान राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों ने रिहा कर दिया. (फाइल फोटो)
नक्सलियों के व्यवहार को लेकर किए गए सवाल पर तारकेश्वर सिंह ने कहा कि खाना भी दिया सबकुछ दिया. अच्छा रहा इनलोगों ने छोड़ने को कहा था और आज छोड़ दिया.
नक्सलियों के व्यवहार को लेकर किए गए सवाल पर तारकेश्वर सिंह ने कहा कि खाना भी दिया सबकुछ दिया. अच्छा रहा इनलोगों ने छोड़ने को कहा था और आज छोड़ दिया.
मुठभेड़ वाले दिन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि ये तीन तारीख की बात है जिस दिन एनकाउंटर हुआ था. चार तारीख को मैं जंगल में भटकते हुए इनके चंगुल में फंसा था. नहीं मैं उस समय बेहोश नहीं था, चार तारीख को मैं इनके चंगुल में फंसा था. मुझे नहीं पता कि कितने गांव में घुमाया गया. मेरी आंखों पर पट्टी बंधी रहती थी और हाथ भी बंधे रहते थे.
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एक सवाल के जवाब में तारकेश्वर कहते हैं कि खाना वक्त पर मिलता रहा. इन नक्सलियों ने न तो मुझे टार्चर किया है और न धमकी दी गई. नौकरी छोड़ने जैसी कोई भी शर्त नहीं रखी गई. पुलिस महकमे के बारे में भी किसी तरह की जानकारी नहीं मांगी गई. हां यह उन्होंने स्वीकार किया कि हत्या की आशंका हर वक्त मंडराती रहती थी.