- भाजपा नेता राव साहब दानवे के दामाद हैं हर्षवर्धन
- हर्षवर्धन जाधव महाराष्ट्र में दो बार रहे हैं विधायक
पिछले कुछ सालों से महाराष्ट्र की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने वाले हर्षवर्धन जाधव ने शनिवार को अचानक राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया. हर्षवर्धन जाधव केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता राव साहब दानवे के दामाद हैं.
ये दो दफे बतौर विधायक कन्नड़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनकर आए थे. हर्षवर्धन पहली बार राज ठाकरे के महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और दूसरी बार शिवसेना के टिकट पर विधायक बने.
मराठा आरक्षण के दौरान जब राज्यभर में मोर्चे निकले थे, तब हर्षवर्धन जाधव वो पहले विधायक थे जिन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था. 2019 लोकसभा चुनाव में औरंगाबाद से बतौर स्वतंत्र उम्मीदवार चुनाव के मैदान में उतरे थे.
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कहा जाता है कि लगभग 3 लाख वोट हासिल करने से ही MIM प्रत्याशी इम्तियाज़ जलील की जीत संभव हुई. लोकसभा हार जाने के बाद हर्षवर्धन ने 2019 में विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमाया, लेकिन वहां भी उन्हें हार ही नसीब हुई.
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हर्षवर्धन जाधव की पढ़ाई इंग्लैंड में हुई है. उन्हें विभिन्न विषयों की किताबें पढ़ना पसंद है. हर्षवर्धन ने अपने सन्यास की घोषणा का मोबाइल वीडियो के जरिये किया. उन्होंने कहा कि उनके बाद उनकी पत्नी राजनीति में कदम रखने जा रही हैं. उनकी पत्नी संजना जाधव हैं जो अब राजनीति में कदम रखने वाली हैं. हर्षवर्धन ने कहा कि समाज और इलाके के लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए वह पत्नी का हरकदम पर साथ देते रहेंगे.