- अब हर जिले में मिलेगा छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद, 26 जिला मुख्यालयों में खुलेगा गढ़ कलेवा
- राम वन गमन पर्यटन पथ के चिन्हित 9 प्रमुख केंद्रों को 10 करोड़ की लागत से किया जाएगा विकसित
Dainik Bhaskar
Mar 03, 2020, 06:15 PM IST
रायपुर. युवा, स्वास्थ्य और किसान के बाद अगर सरकार ने सबसे ज्यादा किसी क्षेत्र में फोेकस किया है, तो वह पर्यटन है। संभवत: ऐसा पहली बार हुआ है कि राज्य सरकार ने सिर्फ पर्यटन के बजट में ही 75 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी हो। पिछली बार जहां पर्यटन का बजट करीब 26 करोड़ रुपए के आसपास था, वहीं इस बार उसे बढ़ाकर 103 करोड़ 50 लाख कर दिया गया है। इसके चलते रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे।
सरकार ने पर्यटन के जरिए छत्तीसगढ़िया संस्कृति और यहां के खानपान को भी बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाया है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट में छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के विस्तार के लिए 26 जिला मुख्यालयों में गढ़ कलेवा खोलने की घोषणा की है। फिलहाल अभी यह रायपुर में ही संचालित हो रहा है। इसके अतिरिक्त नवा रायपुर में म्यूजियम का निर्माण कराया जाएगा। साथ ही जगदलपुर व बिलासपुर में संग्रहालय का उन्नयन होगा।
राम वन गमन पथ पर्यटन सर्किट के तौर पर होगा विकसित
प्रदेश में भगवान राम के वनवास काल के दौरान बिताए गए समय और उनके रहने के स्थानों को पर्यटन सर्किट के ताैर पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए राम वनपथ गमन सर्किट बनेगा। सरकार ने शुरुआती दौर में 9 प्रमुख स्थानों को चिन्हित किया है। इसके विकास के लिए बजट में 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। हालांकि सरकार कैबिनेट मीटिंग में इसकी घोषणा कर चुकी थी। उसमें 51 स्थानों को विकसित करने की बात कही गई थी।
स्थान | जिला |
सीतामढ़ी-हरचौका | कोरिया |
रामगढ़ | सरगुजा |
शिवरीनारायण | जांजगीर-चांपा |
तुरतुरिया | बलौदाबाजार-भाटापारा |
चंद्रखुरी | रायपुर |
राजिम | गरियाबंद |
सिहावा (सप्त ऋषि आश्रम) | धमतरी |
जगदलपुर | बस्तर |
छत्तीसगढ़ अस्मिता प्रतिष्ठान के शोध के आधार पर किया गया तय
छत्तीसगढ़ अस्मिता प्रतिष्ठान के शोध के आधार पर राम वन गमन पथ तय किया गया है। रायपुर के आरंग स्थित चंद्रखुरी में माता कौशल्या मंदिर स्थल के विकास कार्यों से शुभारंभ होगा। इन स्थानों पर पहुंच मार्ग, साईनेजेस, पर्यटक सुविधा केंद्र, इंटरप्रिटेशन सेंटर, वैदिक विलेज, पगोड़ा, वेटिंग शेड, सिटिंग बेंच, रेस्टोरेंट, वॉटर फ्रंट डेवलपमेंट, विद्युतीकरण करेगी। माना जाता है कि कोरिया के सीतामढ़ी-हरचौका स्थान से भगवान राम ने छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया था।
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