- दिल्ली और मुंबई में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका: डॉ रणदीप गुलेरिया
- देश में फिलहाल कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हो रहा: AIIMS के निदेशक
कोरोना वायरस के मामले देश में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. सबसे ज्यादा केस मुंबई और दिल्ली से सामने आ रहे हैं. दोनों शहरों में बढ़ते मामलों के बीच कम्युनिटी ट्रांसमिशन की भी आशंका बढ़ने लगी है. इस बीच, एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि दिल्ली और मुंबई में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका है. इसी वजह से इन शहरों में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं.
आजतक से खास बातचीत में डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि पूरे देश के हालात को देखें तो कुछ शहर ऐसे हैं, जहां कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. देश के 70 से 80 फीसदी केस इन्हीं शहरों से आ रहे हैं. दिल्ली, मुंबई, इंदौर और अहमदाबाद में केस ज्यादा हैं. लेकिन देश के बाकी हिस्सों में केस ज्यादा नहीं हैं.
कोरोना पर फुल कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
कम्युनिटी ट्रांसमिशन को लेकर उन्होंने कहा कि देश के ज्यादातर हिस्सों में केस ज्यादा नहीं बढ़ रहे हैं और कुछ हद तक कम भी हो रहे हैं. देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हो रहा है. लेकिन दिल्ली और मुंबई में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका है. इसी वजह से इन शहरों में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं.
‘कम्युनिटी ट्रांसमिशन को रोकने पर ध्यान देना होगा’
एम्स के निदेशक ने कहा कि अगर दिल्ली और मुंबई में कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो रहा है तो हमें इसपर ध्यान देना होगा इसको कैसे रोकें. ज्यादातर ऐसे केस हैं जो माइल्ड हैं या बिना लक्षण वाले हैं. लोग जब बाहर जा रहे हैं उस वक्त ये समझना होगा कि उनके सामने या साथ जो भी है वो कोरोना पॉजिटिव है और वो बीमारी फैला सकता है. जिन इलाकों में केस बढ़ रहे हैं वहां के लोगों को बहुत सावधानियां बरतने की जरूरत है.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें…
पीक पर कब होगा
डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि फिलहाल जून में तो केस बढ़ रहे हैं और लॉकडाउन खुल रहा है, ऐसे में अगर सावधानियां नहीं रखेंगे तो केस बढ़ेंगे. पीक कब आएगा ये कहना मुश्किल है. अलग क्षेत्रों में पीक अलग समय पर आएगा. जैसे मुंबई में केस बढ़ रहे हैं और हो सकता है वहां पीक जल्दी आ जाए. दिल्ली में उसके बाद पीक आए. वो शहर जहां पर ज्यादा केस नहीं हैं, वहां पर छोटे-छोटे पीक आ सकते हैं.
देश-दुनिया के किस हिस्से में कितना है कोरोना का कहर? यहां क्लिक कर देखें
कोरोना खत्म कब होगा
उन्होंने कहा कि हमें ये समझना होगा कि कोरोना के केस धीरे-धीरे कम होंगे. कुछ इलाकों में जल्दी खत्म होगा तो कुछ इलाकों में समय लगेगा. ऐसा नहीं है कि कोरोना खत्म हो जाएगा. काफी महीने रहेगा. अगले साल तक भी रह सकता है. लेकिन केस कम हो जाएंगे. हो सकता है दो से तीन महीने में दिल्ली और मुंबई में केस कम होने लगें. सर्दियों में क्या केस बढ़ेंगे इसपर उन्होंने कहा कि फिलहाल ये बहस का मुद्दा है. ये कहना मुश्किल है कि सर्दियों में केस बढ़ेंगे. लेकिन संभव है.
टेस्टिंग पर क्या बोले
क्या बिना लक्षण वालों का भी टेस्ट होना जरूरी है. इस सवाल पर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि बिना लक्षण वालों का टेस्ट करने का कोई फायदा नहीं होगा. लेकिन मान लें कोई एक शख्स पॉजिटिव है और उसके करीबी लोग बिना लक्षण के हैं, ऐसे में उनका टेस्ट जरूर होना चाहिए. लेकिन अगर किसी के घर कोई पॉजिटिव नहीं है तो ऐसे में टेस्ट करने का कोई फायदा नहीं है.
उन्होंने कहा कि लोगों को ऑफिस में मास्क लगाकर रहना चाहिए. साथ में खाना खाने से बचें. कुछ महीनों के लिए खाना अकेले खाएं. हाथ को धोते रहें. लोगों को नए तरीके से जीना होगा.
मॉल्स और धार्मिक स्थल खोलने के सवाल पर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जहां-जहां पर भीड़ होने की आशंका है, वहां पर सावधानियां बरतने की जरूरत है. चाहे माॉल्स हों या धार्मिक स्थल, ये ध्यान देना होगा कि वहां पर ज्यादा भीड़ ना हो. अगर इन स्थानों पर सावधानियां नहीं बरती जा रही हैं तो इन स्थानों को बंद कर देना चाहिए.
दिल्ली सरकार के उस बयान जिसमें कहा गया था कि दिल्ली में 31 जुलाई तक 5.5 लाख केस कोरोना के हो सकते हैं, इस पर एम्स निदेशक ने कहा कि इससे पहले कई लोग मार्च में भी कहे थे कि इतने केस आएंगे. वेंटिलेटर की जरूरत ज्यादा होगी. लेकिन मैं कहूंगा कि देश में फिलहाल इतने मरीज नहीं आ रहे. आंकड़े आशंका है. बेड की कमी पर उन्होंने कहा कि सीरियस मरीजों के लिए बेड रखना होगा. फील्ड अस्पताल बनाना होगा, जिससे केस बढ़ें तो उसका इस्तेमाल किया जा सके.