
धमतरी के सरकारी दफ्तर में रखी तिजोरी.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धमतरी (Dhamtri) में एक ऐसी तिजोरी है, जिसमें बरसों से सिर्फ 131 रुपये ही रखे हैं. अंग्रेजों के जमाने की ये तिजोरी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग की है.
इस व्यवस्था के बीच कार्यालय में कड़ी सुरक्षा में रखी हुई एक तिजोरी ध्यान खिंचती है और कई सवाल भी मन में पैदा करती है, जी हां कि इस तिजोरी का यहाँ क्या काम? आप जान कर हैरान होंगे कि ये तिजोरी अंग्रेज जमाने की है और अंग्रेज जमाने के सिस्टम का हिस्सा भी रही है. एग्जीक्यूटिव इंजीनियर जे एल ध्रुव ने बताया कि जब पैसों का लेनदेन ऑनलाइन करने की सुविधा नहीं थी तब, सरकारी खजाने से विभिन्न मदों की राशि नगद ही आती थी, और वो थोड़ी बहुत नही बल्कि करोड़ो में होती थी. हाथों हाथ भुगतान करना होता था. तब इस तरह की तिजोरी का उपयोग हुआ करता था, लेकिन अब इसका कोई उपयोग और कोई जरूरत नहीं रह गई है.
सरकारी रिकॉर्ड में मेंटेन
हैरानी की बात है कि आज भी इस तिजोरी को सरकारी रिकॉर्ड में मेंटेन किया जा रहा है. मोटी सांकल और मजबूत ताले से जड़ी इस इस्पात की तिजोरी के अंदर कई साल से सिर्फ 131 रुपये रखे हुए हैं. जिसका हर साल हिसाब सरकार को भेजा जाता है और इसके ऊपर रखी लक्ष्मी माता की तस्वीर बताती है कि इसकी पूजा भी होती है. भले ही ये आरईएस दफ्तर में रखी है, लेकिन इसकी चाबी जिला कोषालय में सम्हाल कर रखी जाती है. इस मामले में धमतरी के नागरिक देवेंद्र जैन के कहा कि धमतरी में भी वक्त के साथ सारी दुनिया की तरह, सभी व्यायवस्था भी आधुनिक हो चुके हैं. इसके बावजूद इस पुरातन व्यायवस्था और संसाधन को आखिर क्यों पकड़ कर रखा गया है ये समझ से बाहर है. इस मामले में धमतरी के जागरूक लोगो का मानना है कि ये समय और धन की बर्बादी ही है. इससे ज्यादा कुछ नहीं. आज किसी भी तरह से ये तिजोरी और पुरााना सिस्टम प्रासंगिक नही रहा है, फिर भी प्रशासनिक व्यवस्था में इसको रखना हैरान करने वाला है.